रक्षाबंधन के दिन बीकानेर से दुखद खबर : एक बहिन की मौत, एक गंभीर, घर में पसरा मातम

रक्षाबंधन के दिन बीकानेर से दुखद खबर : एक बहिन की मौत, एक गंभीर, घर में पसरा मातम

पूरा देश जब रविवार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन मना रहा था तो श्रीगंगानगर जिले के 365 हैड के गांव एक बीडी के एक घर में मातम पसरा हुआ था। यहां दो भाइयों की कलाई रक्षाबंधन के दिन सूनी रह गई। शनिवार को घास लेने के लिए खेत गई उसकी दो बहनों पर कीटनाशक का ऐसा असर हुआ कि रात करीब ग्यारह बजे एक की मौत हो गई जबकि एक की हालत गंभीर होने पर उसे 365 हैड के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। भाइयों ने बहनों के साथ इस बार का रक्षाबंधन कुछ खास तरीके से मनाने का फैसला किया था। इसके लिए भाई तैयारियों में जुटे थे। इसी दौरान हादसा हुआ और भाई की कलाई राखी का इंतजार करती रह गई। एक बहन दुनिया छोड़कर विदा हो गई तो दूसरी की हालत बिगड़ने से उसे गांव 365 के हॉस्पिटल में भर्ती कर लिया गया।

खेत में धास लेने गई थी दोनों किशोरियां

मृतक किशोरी के परिवार की ओर से इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। इसमें कहा गया है कि गांव एक बीडी की सुनीता (16) शनिवार को अपनी बहन मनीषा के साथ खेत में घास लेने के लिए गई थी। खेत में हाल ही में कीटनाशक का छिड़काव किया गया था। किशोरी को वहां से घास लेने के दौरान कीटनाशक का एहसास नहीं हो पाया। खेत से घास लेकर लौटते समय मुख्य सड़क पर पहुंचते-पहुंचते सुनीता की तबीयत बिगड़ गई। उसके स्कूल के शिक्षक ने उसे देखा तो वह अपनी कार में उसे घर ले आया।

परिजन लेकर गए अस्पताल

किशोरी पर जहर के असर का अंदेशा होने पर परिजन उसे लेकर गांव 365 हैड के अस्पताल पहुंचे। हालत बिगड़ने पर उसे रावला रैफर कर दिया गया। रावला में उपचार के दौरान शनिवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। वहीं सुनीता की छोटी बहन मनीषा पर भी इस दौरान कीटनाशक का असर नजर आने लगा। उसकी भी हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

सुनीता को मिले थे दसवीं में नब्बे प्रतिशत अंक
सुनीता ने इस वर्ष दसवीं पास की थी और ग्यारहवीं में प्रवेश लिया था। उसे दसवीं में नब्बे प्रतिशत अंक मिले थे। वहीं वह खो-खो की भी अच्छी खिलाड़ी थी। परिजनों ने बताया कि सुनीता की पढ़ने में खूब रुचि थी। रविवार को उसके गांव एक बीडी में उसकी पढ़ाई और खेल की चर्चा रही।

बिलख उठे भाई
सुनीता की मौत का समाचार सुनते ही बड़ा भाई दुर्गेश और छोटा भाई मनीष बिलख पड़े। वे बार-बार उस पल को कोस रहे थे जब सुनीता और मनीषा घर से घास लेने के लिए निकली। उन्हें एहसास भी नहीं था कि खेत में हाल में छिड़का कीटनाशक उनकी बहन सुनीता की जान ले लेगा। मनीषा अभी 365 हैड अस्पताल में भर्ती है तथा उसका इलाज किया जा रहा है। सुनीता और मनीषा के पिता दूलाराम खेती का काम करते हैं। गांव में घर से कुछ दूरी पर ही उनके खेत हैं।

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