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महिलाओं को वित्तिय साक्षरता के गुर सीखा रहा है आरसेटी

पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर शुरू
बीकानेर। महिला सशक्तिकरण व महिलाओं का जीवन संवारने में जीविका व स्वयं सहायता समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ती जा रही है कि वे किस तरह वित्तिय प्रब ंधन कर कैसे अपने व्यपार को आगे बढ़ाएं। ये उद्गार आरसेटी में सोमवार से शुरू हुए वित्तिय साक्षरता शिविर के दौरान राजीविका के डीपीएम रमेश कुमार व्यास ने व्यक्त किये। पांच दिवसीय आवासीय शिविर में उन्होंने उपस्थित महिलाओं को कहा कि वित्तीय रूप से साक्षर होने का मतलब पैसे का बेहतर प्रबंधन है। वित्तीय समझ रखने वाले लोग मौजूदा जरूरतों, बचत और सुविधा एवं लग्जरी से जुड़े खर्च में सही तालमेल बना पाते हैं। विशिष्ट अतिथि जिला अग्रणी बैंक के प्रबधंक योगेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि वर्तमान में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का चलन बढ़ रहा है और शॉपिंग आदि के लिए जिस तरह लोग ई-कॉमर्स साईट पर डेबिट/क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं, उसे देखते हुए वित्तीय साक्षरता बहुत जरूरी है। दुनिया का शायद ही कोई देश होगा जिसकी अर्थव्यवस्था वित्तीय बाजार की व्यापक पहुंच व विस्तार के बिना मजबूत और विकसित हुई हो।

उन्होंने कहा कि अगर आप वित्तीय रूप से साक्षर हैं तो अपनी बचत निवेश के अच्छे विकल्प में लगायेंगे जिससे आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा। इस अवसर पर रघुनाथ डूडी ने कहा कि देश की बड़ी आबादी या तो साहूकारों के चंगुल में आकर कर्ज के मकडज़ाल में फंसती है या ज्यादा लाभ के लालच में गैरकानूनी स्कीम में फंसकर मेहनत की कमाई गंवा देती है। वित्तीय साक्षरता से उन्हें ऐसी स्कीमों से दूर रहने की सीख मिलेगी। अध्यक्षता करते हुए आरसेटी के निदेशक लालचंद वर्मा ने बताया कि शिविर में जिले की सभी तहसीलों से 35 महिलाएं मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण प्राप्त करेगी। जो स्वयं सहायता समूह के माध्यम से करीब 3500 महिलाओं को बेहतर वित्तिय प्रबंधन के बारें में प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें पैसों के वित्तिय प्रबंधन के बारे में बताएगी। इस मौके पर शशिबाला ने भी विचार रखे। संचालन सना मिर्जा ने किया।

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