
ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियां उफनाईं; 170 लोगों की मौत की आशंका






उत्तराखंड में रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे बहुत बड़ा हादसा हुआ। राज्य के चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा। इससे बेतहाशा बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई और धौलीगंगा पर बन रहा बांध बह गया। तपोवन में एक प्राइवेट पावर कंपनी के ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ।
ITBP के अनुसार, ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे 15 से 20 मजदूर लापता हैं। इसके साथ ही NTPC प्रोजेक्ट पर करीब 150 मजदूरों की जान जाने की आशंका है। प्रोजेक्ट साइट से शाम सात बजे तक आठ शव बरामद कर लिए गए थे। इस बीच, ITBP ने तपोवन प्रोजेक्ट के पास टनल में फंसे सभी 16 लोगों को निकाल लिया है। यहां NTPC प्रोजेक्ट पर दो टनल हैं।
वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शाम को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने अब तक 8 लोगों के शव निकाले जाने की पुष्टि की। वहीं 125 लोगों के लापता होने की बात कही। उन्होंने आगे बताया कि ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में चार पुलिसकर्मियों समेत 39 लोग लापता हैं। यहां से 5 किलोमीटर दूर NTPC के प्रोजेक्ट का काम चल रहा था। यहां 176 मजदूर ड्यूटी के लिए निकले थे। यहां दो टनल हैं। एक टनल से 16 लोगों को निकाल लिया गया है। दूसरे टनल में कितने लोग हैं इसकी कोई पूख्ता जानकारी नहीं मिली है।
राहत की बात यह है कि पीपल कोटी से चमोली के बीच में अलकनंदा नदी का जलस्तर तो बढ़ा है, लेकिन नदी का क्षेत्र चौड़ा होने से बहाव सामान्य हो गया है। हादसे के बाद NDRF और ADIRF की टीमें मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य कर रही हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मरने वालों के परिवार को 4 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। मारे गए लोगों के परिवार को प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से भी 2 लाख रुपए दिए जाएंगे। घायलों को 50 हजार रुपए की मदद दी जाएगी।


