
तीन तस्करों को 10-10 साल का कठोर कारावास, दो-दो लाख रुपए जुर्माना भी लगाया






खुलासा न्यूज। हनुमानगढ़ एनडीपीएस कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने नशीली दवा तस्करी के मामले में सोमवार को 3 दोषियों को 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 2-2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषियों को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। विशिष्ट लोक अभियोजक दिनेश दाधीच के अनुसार, 5 नवंबर 2018 को टाउन पुलिस थाना के तत्कालीन प्रभारी विष्णुदत्त बिश्नोई ने पुलिस टीम के साथ गश्त के दौरान टिब्बी रोड पर स्थित एसआरएम स्कूल के पास पंजाब नम्बर की बाइक पर सवार चार जनों को रूकवाया। बाइक सवारों की पहचान जोगराज पुत्र रामकिशन ओड निवासी वार्ड 7 नवां, इलियास पुत्र अल्लादीन निवासी कलालों का मोहल्ला वार्ड 20 टाउन और सुभाष पुत्र चानणराम सुथार निवासी चक 19 एसएसडब्ल्यू रामसरा नारायण के रूप में हुई, जबकि चौथा लड़का बाल अपचारी था। बाइक के बैग की तलाशी के दौरान पारवोरिन स्पास कैप्सूल के 4 डिब्बे मिले। तीन डिब्बों में 20-20 और एक डिब्बे में 19 पत्ते थे। इनमें पारवोरिन स्पास के कुल 790 कैप्सूल थे। इनके पास लाइसेंस-परमिट आदि नहीं मिला।
पुलिस ने तीनों बालिग लड़कों को गिरफ्तार और बाल अपचारी को डिटेन कर लिया। इनके खिलाफ टाउन पुलिस थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। अनुसंधान के दौरान जोनी पुत्र हनीफ खां निवासी टाउन से उक्त नशीले कैप्सूल खरीद करना पाया गया। इस पर पुलिस ने जोनी को भी गिरफ्तार किया। अनुसंधान के बाद पत्रावली न्यायालय में पेश की गई। सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई। लोक अभियोजक दिनेश दाधीच ने आरोपियों को समाज में बढ़ते हुए अपराध को दृष्टिगत रखते हुए अधिकतम दंड से दंडित करने का निवेदन किया। दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद न्यायालय विशिष्ट न्यायाधीश रूपचंद सुथार ने सुनवाई के बाद जोगराज, इलियास व सुभाष को अवैध रूप से नशीले कैप्सूल बिना लाइसेंस अपने कब्जे में रखने पर एनडीपीएस एक्ट एवं कॉस्मेटिक एक्ट में दोषी माना। जोगराज सिंह, इलियास और सुभाष को धारा 8/22 एनडीपीएस एक्ट में 10-10 वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने से दण्डित किया गया। अदम अदायगी जुर्माना छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसी प्रकार इन तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 18 (सी) और 27 (बी) ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट का अपराध प्रमाणित पाए जाने पर पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने से दण्डित किया। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा सुनाई। नाबालिग बालक के खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में चालान पेश किया गया था। आरोपी जोनी जिसे बाद में धारा 29 में मुल्जिम मानकर चालान पेश किया गया था, उसे संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने बरी कर दिया।


