
21 साल पहले हुए हत्याकांड में चश्मदीद गवाह का अपहरण और मारपीट करने वालों को कठोर कारावास





21 साल पहले हुए हत्याकांड में चश्मदीद गवाह का अपहरण और मारपीट करने वालों को कठोर कारावास
बीकानेर। अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या चार की पीठासीन अधिकारी पल्लवी ने 21 साल पहले रोहिताश्व ठेकेदार हत्याकांड में गवाही देने कोर्ट जा रहे चश्मदीद गवाह का अपहरण और मारपीट करने वाले चार आरोपियों को दोषी मानते हुए प्रत्येक को दो साल के कठोर कारावास और 27,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
श्रीगंगानगर रोड पर पेट्रोल पंप के पास 28 मार्च, 02 को सीकर निवासी रोहिताश्व ठेकेदार की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की चश्मदीद गवाह सीकर की लक्ष्मणगढ़ तहसील में खुड़ी निवासी बिरजू सिंह व उसका साथी गवाह कैलाश कुमावत 30 जुलाई, 03 को एडीजे फास्ट ट्रैक संख्या एक में गवाही देने जा रहे थे। इस दौरान हत्या के आरोपियों ने गवाही देने से मना किया और कोर्ट परिसर से बिरजू सिंह का अपहरण कर उसके साथ मारपीट की।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के 21 साल बाद आरोपी मो. आरिफ, अनवर हुसैन, रोशन अली और कुदरत अली को दोषी माना और प्रत्येक को दो साल का कठोर कारावास व 27,000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इसी मामले में एक अन्य आरोपी असगर अली की ट्रायल के दौरान 24 जून, 10 को मृत्यु हो जाने के कारण उसके खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी गई। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में 9 गवाहों के बयान हुए। परिवादी की ओर से पैरवी संजीव राजवंशी, जगदीश सेवग व शिवपाल सिंह राठौड़ ने की।

