
राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी कोरोना वाॅरियर्स में शामिल किया जाए






बीकानेर । कोरोना महामारी से निपटने में कोरोना वाॅरियर्स के रूप में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारियों की राज्य सरकार द्वारा उपेक्षा किये जाने पर रोष जताया गया। राजस्थान राजस्व मंत्रालयिक कर्मचारी के अध्यक्ष मनीष शर्मा की अगुवाई में जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव व राजस्व मण्डल राजस्थान अजमेर के अध्यक्ष को भेजे ज्ञापन में बताया गया कि सरकार के निर्देशानुसार राजस्व विभाग के जिला कलक्टर व अधीनस्थ राजस्व कार्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारी निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे है। सरकार ने जिन विभागों को अति आवश्यक सेवाओं में शामिल किया है, उनमें जिला कलक्टर व अधीनस्थ राजस्व कार्यालय भी प्रमुख रूप से शामिल है। उक्त कार्मिक कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका के बीच अपनी सेवाएं स्क्रीनिंग, क्वांरटाइन सेंटर सेवाएं, तैयार भोजन/सूखा राशन वितरण, जिले में संपादित होने वाले कार्यो की माॅनटरिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं में अपना कार्य कर दायित्व निभा रहे है।
राजस्व विभाग के सभी कार्यालय लाॅकडाउन शुरू के होने के दिन से निरंतर बिना किसी अवकाश के खुले रहते है। राजकीय अवकाश के दिनों में भी देर रात तक अपनी ड्यूटी का दायित्व निर्वहन कर रह है। इसके बावजूद सरकार ने इन कर्मचारियों को कोरोना संबंधित दायित्व निर्वहन करते हुए मृत्यु हो जाने पर प्रदान की जाने वाली अनुतोष योजना में शामिल नहीं किया गया। दिन रात कार्य करने के बावजूद उनकी सेवाओं का उल्लेख नहीं होने से कार्मिक हतोत्साहित हो रहे है। ज्ञापन में कहा गया कि राजस्व विभाग के जिला कलक्टर एवं अधीनस्थ कार्यालयों के मंत्रालयिक कर्मचारियों को भी मेडिकल, पुलिस, न्याय विभाग के कार्मिकों के समान मानते हुए वेतन स्थगन से मुक्त करने, कोरोना आपदा बीमा योजना में शामिल करने की मांग की।


