खुलासा ऑपरेशन : बीकानेर के यह डॉक्टर्स पगार ले रहे सरकारी और घर पर भी चला रहे अपनी ‘दुकानदारी’

खुलासा ऑपरेशन : बीकानेर के यह डॉक्टर्स पगार ले रहे सरकारी और घर पर भी चला रहे अपनी ‘दुकानदारी’

– कुशाल सिंह मेड़तिया
खुलासा न्यूज़, बीकानेर। बीकानेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम के कई डॉक्टर्स पर कार्रवाई का खतरा मंडरा रहा है। कॉलेज में ऐसे डॉक्टर्स की लंबी फेहरिस्त है जो अस्पताल से ज्यादा समय अपनी दुकानदारी चलाने में देते हैं। अधिक कमाई के लिए कुछ डॉक्टर्स जो निजी अस्पतालों में समय देते है और कुछ डॉक्टर्स अपने घर पर दुकानें खोल ली। माना जा रहा है कि पैसों के लालच में कई डॉक्टर्स ने अपने पेशे की पवित्रता को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। सरकारी अस्पताल में अपने दायित्व का निर्वहन करने की बजाय उनकी रुचि अपने घर पर संचालित दुकान में जाकर कमाई में ज्यादा दिख रही है। राजकीय सेवा में रहते चिकित्सकों की ओर से अपने घर में दवा की दुकान खोलने संबंधी शिकायतें लगातार मिलने पर खुलासा न्यूज़ ने पड़ताल की तो कई लालची डॉक्टर्स के नाम सामने आए जो अपने घर में पिछले लंबे समय से दवा की दुकान संचालित कर रहे है।

यह डॉक्टर्स घर पर दवा की दुकान कर रहे है संचालित

– डॉ. स्वाति फलौदिया जो पीबीएम जनाना अस्पताल में स्त्री रोग विशषेज्ञ है।
– डॉ. सुशील फलौदिया, गेस्ट्रोलॉजी विशेषज्ञ है। स्वाति और सुशील पति-पत्नी है , पिछले काफी समय से अपने घर पर दवा की दुकान संचालित कर रहे है। हमने पड़ताल की तो सामने आया कि यह दोनों डॉक्टर पीबीएम अस्पताल में आए मरीजों को घर पर बुलाने के मजबूर करते है और इनसे फीस वसूलते है। यह भी पता चला है कि गत दिनों में उन्होंने करोड़ों की बिल्डिंग भी बना ली। बताया जाता है कि पिछले काफी समय से चिकित्सक दम्पती के यहां पहुंचने वाले मरीजों की संख्या और मरीजों की लिखी जाने वाली दवाईयों की पर्चियों पर आयकर विभाग की नजर बनी हुई है।

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डॉ. रंजन माथुर, अतिरिक्त प्राचार्य, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज व दंत रोग विशेषज्ञ है। लालची डॉक्टर माथुर पिछले काफी समय से अपने घर में दुकानदारी चला रहे है। खुलासा न्यूज़ पड़ताल में यह भी सामने आया कि डॉ. रंजन ने हॉस्पीटल में कई दलाल भी छोड़ रखे है जो आए मरीजों को घर पर भेजने का काम करते है।
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डॉ. परमेन्द्र सिरोही , मेडिसिन विभाग में एचओडी है, इन्होंने थोड़ी समय पहले ही तुलसी सर्किल स्थित सेैल टैक्स के पीछे करोड़ों रुपयों का नया घर बनाया है। पिछले काफी वर्षों से अवैध तरीके से अपनी दुकानदारी चला रहे है।  यह भी पता चला है कि घर पर आए हर एक मरीज से बेवजह जांचें करवाते है ताकि कमीशन मिल सके। अपने दात्यिव का निर्वहन करने की बजाय कमीशन का खेल चला रहे है। डॉ. परमेन्द्र धरती के भगवान होने की साख पर बट्टा लगा रहे है। 

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डॉ. गुंजन सोनी, श्वसन रोग विशेषज्ञ है जो अवैध तरीके से अपने घर में दवा की दुकान संचालित करते है। यह भी पता ला है कि डॉ. सोनी पीबीएम में आए मरीजों को घर पर बुलाने के लिए मजबूर करते है और उनसे फीस वसूलते है।

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डॉ. मो. सलीम, सर्जन है, यह भी अपने घर में पिछले लंबे समय से दवा की दुकान संचालित कर रहे है। डॉ. सलीम अस्पताल से ज्यादा समय अपनी दुकानदारी चलाने में देते हैं।

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– डॉ. मनोज मीणा, असिस्टेंट प्रोफेसर जो मेडिसिन विभाग में कार्यरत है। यह राजकीय सेवा में कार्यरत होने के बावजूद घर में दवा की दुकान संचालित कर रहे हैं। घर में मरीजों से फीस के अलावा दवा का कमीशन भी ले रहे है। दवाओं और जांचों का कमीशन लेने के लिए मरीजों को लूट रहे है।

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– आर.डी.मेहता, चर्म रोग विशेषज्ञ है जो अपने घर पर दवा की अवैध दुकान संचालित कर रहे है।  यह भी पता ला है कि  दवाओं और जांचों का कमीशन लेने के लिए मरीजों को लूट रहे है।
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डॉ. माणक गुजरानी , श्वसन रोग विशेषज्ञ है। इनकी भी यही स्थिति है। पैसे के लालच के कारण मरीजों को घर पर बुलाते है और फीस वसूलते है और अपनी दुकान से दवा खरीदने को कहते है।
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– जयश्री मुरली मनोहर, नेत्र रोग विशेषज्ञ है। अपने दायित्व का निर्वहन करने की बजाय उनकी रुचि अपने घर पर संचालित दुकान में जाकर कमाई में ज्यादा है।

 

– डॉ. बी.सी.घीया जो चर्म रोग विशेषज्ञ है जो पिछले काफी समय से घर पर अपनी दुकानदारी चला रहे है। घर में मरीजों से फीस के अलावा दवा का कमीशन भी ले रहे है।

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कॉलेज प्राचार्य ने दुकान चलाने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ जारी किए आदेश
अपने घर में दवा की दुकान चलाने वाले डॉक्टर्स के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार को एसपी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. एचएस कुमार ने आदेश जारी किए है। उन्होंने आदेश में बताया कि राजकीय सेवा में रहते चिकित्सकों की ओर से अपने घर में दवा की दुकान खोलने संबंधी शिकायतें लगातार मिल रही है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज एवं अधीनस्थ चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि उनके आवासीय घर में दवा की दुकान संचालित नहीं की जाए। आदेशों की अवहेलना करने पर संबंधि चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आरटीआई एक्टिविस्ट विजय दीक्षित करेंगे कानूनी कार्यवाही
पी.बी.एम.अस्पताल जो कि बीकानेर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है । यहां पर बीकानेर संभाग के मरीज ही नहीं बल्कि हरियाणा पंजाब के गंभीर मरीज भी इसलिए आते है क्योंकि यहां इलाज अच्छा हो जाए। इन मरीजों की मजबूरी के चलते पीबीएम के कई चिकित्सक फायदा उठाते है और मरीजों को घर पर बुलाने के मजबूर करते है। यहां पर बड़ी फीस वसूली करते है फिर जांचें भी वहीं से करवाते है जहां उन्हें कमीशन दिया जाता है। आरटीआई एक्टिविस्ट विजय दीक्षित का कहना है कि इन डॉक्टर्स से पुरे संभाग के मरीज़ों सहित कुछ ईमानदार डॉक्टर्स भी परेशान है। अपने घर पर दुकानदारी चलाने वाले डॉक्टर्स के नाम चिन्हित करके कानूनी कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।

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