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चार्जशीट में खुलासा, सिर्फ 11 मिनट में की गई थी मनसुख की हत्या, सिलसिलेवार ढंग से पढ़िए, कत्ल वाली रात की पूरी कहानी

उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास से बरामद हुई जिलेटिन से भरी स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के मामले में NIA की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है। NIA ने दावा किया है कि मनसुख की हत्या बर्खास्त API सचिन वझे के इशारे पर सिर्फ 11 मिनट के अंदर अंजाम दी गई थी। NIA की चार्जशीट में दावा किया गया है कि मनसुख हिरेन इस पूरे केस का सबसे बड़ा राजदार बन गया था और वझे को उसके टूटने का डर था, इसलिए उसने हिरेन को मौत के घाट उतरवा दिया।

एनआईए ने अपने आरोपपत्र में हिरेन हत्याकांड की साजिश कैसे रची गई और फिर उसे कैसे अंजाम दिया गया। इसकी पूरी कहानी परत-दर-परत बताई है।

वो 11 मिनट जब मनसुख हिरेन का किया गया मर्डर
4 मार्च की रात 9.36 बजे लाल रंग की टवेरा कार में मनसुख हिरेन को ड्राइवर के पीछे वाली सीट पर योजना के तहत बीच में बैठाया गया। जैसे ही हिरेन बीच में बैठा उसके एक साइड संतोष शेलार और दूसरी ओर आनंद जाधव आकर बैठ गया। इस सीट के पीछे पहले से ही सतीश मोथकुरी उर्फ टन्नी बैठा हुआ था।

हिरेन के बैठते ही सतीश ने उसका सिर पूरी ताकत से जकड़ लिया और रूमाल से उसका मुंह व नाक दबा दिया। ताकि वह सांस न ले सके। इस पर हिरेन ने जब बचाव में विरोध करना शुरू किया, तो बगल में बैठे शेलार और जाधव ने उसके दोनों हाथ कसकर पड़ लिए, ताकि वह न तो अपना बचाव कर सके और न ही किसी प्रकार का शोर मचा सके। इस मौके का फायदा उठाते हुए पीछे की सीट पर बैठे सतीश ने हिरेन की हत्या अपने दोनों दोस्तों की मदद से कर दी।

कत्ल वाली रात 8.30 बजे से 9.47 बजे के बीच की कहानी
4 मार्च 2021 की रात 8.30 बजे के करीब सुनील माने ने कांदिवली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर तावडे बनकर मनसुख हिरेन को वॉट्सअप कॉल किया। माने ने मनसुख को ठाणे, घोड़बंदर रोड स्थित सूरज वॉटर पार्क के पास मिलने के लिए बुलाया।

इसके बाद मनसुख अपनी शॉप से घर गया और पत्नी बिमला को बताया कि वह कांदिवली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर तावडे से मिलने घोड़बंदर रोड जा रहा है। मनसुख ने घर से बाहर आने पर ऑटो रिक्शा पकड़ा और सूरज वॉटर पार्क के पास पहुंचा। यहां सुनील माने पहले से ही सफेट रंग की पोलो कार में बैठकर मनसुख हिरेन के आने का इंतजार कर रहा था।

अपनी हत्या की साजिश से अंजान मनसुख हिरेन ड्राइवर के बगल वाली फ्रंट सीट पर आकर बैठ गया। तब माने ने घोड़बंदर रोड पर फाउंटेन होटल की दिशा में कार चलानी शुरू कर दी। इस वक्त कार में माने और हिरेन सिर्फ दो लोग ही थे। रात करीब 9.15 बजे सफेद रंग की पोलो कार में सवार होकर माने और हिरेण सुरेखा होटल के करीब पहुंचे और कार वहां रोक दी गई।

7 मिनट बाद करीब 9 बजकर 22 मिनट पर लाल रंग की टवेरा कार उसी स्थान पर आकर पहले रुकती है, फिर वह यू-टर्न मार कर सुरेखा होटल और द्वारका होटल के विपरीत ठाणे की ओर जाने वाली दिशा में खड़ी हो जाती है। फिर सफेद पोलो कार में सवार होकर माने और हिरेन भी लाल रंग की टवेरा कार के पास रात 9.36 बजे आ जाते हैं।

सुनील माने ने इसके बाद मनसुख हिरेन को लाल रंग की टवेरा कार में बैठने को कहा। इसके साथ ही भरोसा दिलाया कि उसमें सवार लोग उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगे। हिरेन को विश्वास में लेने के बाद माने से उससे उसका मोबाइल फोन ले लिया।

एनआईए की चार्जशीट के अनुसार 4 मार्च की रात 9.36 बजे से 9.47 बजे इन 11 मिनटों के बीच मनसुख हिरेन की लाल रंग की टवेरा कार में हत्या की गई। हत्या के वक्त कार मनीष सोनी चला रहा था। हत्याकांड को ठाणे की दिशा में जाने वाले घोड़बंदर पर सुरेखा होटल और द्वारका होटल के सामने किसी स्थान पर अंजाम दिया गया।

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