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“Research में खुलासा- घरों के भीतर कोविड संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा”

नई दिल्ली। कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थलों से ज्यादा घरों के भीतर कोविड मरीजों से संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। यह दावा इंपीरियल कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं ने कॉन्टेक्ट ट्रेंसिंग रिपोर्टों के सांख्यिकीय विश्लेषण की रिपोर्ट के रिजल्ट से किया है। हालांकि लक्षण वाले मरीज के साथ यह संक्रमण चार गुना ज्यादा होने की आशंका रहती है। शोध में पाया गया है कि मरीज को संक्रमण के शुरुआती लक्षण दिखते ही जल्द से जल्द खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। शोधकर्ताओं ने पाया कि कार्यस्थल और सार्वजनिक स्थलों के मुकाबले घरों में संक्रमण प्रसार का खतरा अधिक है। लक्षण उभरने में लगने वाले पांच से अधिक दिनों में परिवार के एक सदस्य से दूसरे सदस्यों में संक्रमण के फैलने के खतरे की आशंका अधिक रहती है। ऐसा व्यक्ति पूरे परिवार को संक्रमित कर सकता है। इंपीरियल कॉलेज के प्रोफेसर नील फग्र्यूसन ने कहा कि शोध मेटा डाटा के विश्लेषण पर आधारित है। इसमें मध्य जुलाई तक प्रकाशित 45 कॉन्टेक्ट ट्रेंसिंग अध्ययनों को शामिल किया गया था। तब बिना लक्षण वाले मरीजों को चुनौती माना गया था। दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. संदीप गुलेरिया का भी मानना है कि बिना लक्षण वाले मरीज में खांसने, छींकने जैसी शिकायत नहीं आती है। उससे कोरोना का संक्रमण की आशंका भी कम होती है। लक्षण वाले मरीज दूर खड़े लोगों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकते हैं क्योंकि खांसने, छींकने से संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चार दिसंबर को सुबह 10.30 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक के लिए लोकसभा, राज्यसभा के सभी सदस्यों को भी शामिल होने का न्योता भेजा गया है। प्रधानमंत्री इस ऑनलाइन बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

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