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खुलासा अलर्ट: सिस्टम की बत्ती गुल, बीकानेर के दर्जनों गांवों के सैकड़ों घरों में चल रही हैं सिंथेटिक दूध बनाने वाली फैक्ट्रियां, खबर पढ़कर फटी रह जाएगी आंखें

– संपादक कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज़ , बीकानेर । बीकानेर के दर्जनों गांवों के सैकड़ों घरों में सिंथेटिक दूध बनाने वाली फैक्ट्रियां चल रही हैं।इस दूध में इतने खतरनाक केमिकल मिलाए जाते हैं जो लीवर, किडनी को डैमेज कर देते हैं। इसे पीने से कैंसर जैसी बीमारी या फिर मौत भी हो सकती है। यह सब कुछ जानते हुवे भी स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन मौन है ।

बीकानेर जिला मावे और दूध की सप्लाई का हब है। ऐसे में नकली दूध बनाने वाले बड़े सप्लायर्स ने गांवों में बड़े-बड़े कलेक्शन सेंटर बना रखे हैं, जिन्हें स्थानीय भाषा में दूध फैक्ट्री कहा जाता है। एक अनुमान के मुताबिक इसकी संख्या तीन हज़ार से भी ज्यादा है।

यहां बाइकों पर टंकियों या फिर छोटे-बड़े टैंकरों से दूध की सप्लाई कलेक्शन सेंटर्स तक पहुंचती है। जहां दूध को चिल्ड प्लांट में डाल दिया जाता है। फिर इसकी सप्लाई बीकानेर में इनके खरीददारों तक की जाती है।

 

विशेषज्ञों के अनुसार सिंथेटिक दूध को आमजन एक नजर में नहीं पहचान पाते। इसका बड़ा कारण है कि मिलावटखोर सिंथेटिक दूध को लगभग आधी-आधी मात्रा में असली दूध में मिला देते हैं।

सिंथेटिक दूध किडनी – लिवर को नुकसान पहुंचाता है – एक्सपर्ट डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा

सिंथेटिक दूध पीने से पेट में अल्सर हो जाते हैं। पाचन प्रक्रिया को बुरी तरह प्रभावित कर देता है।इसके अलावा किडनी – लिवर को नुकसान पहुंचाता है। रसायनों के लंबे समय तक उपयोग से किडनी फेलियर और लिवर की कार्य करने की क्षमता घट जाती है।
– डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा , सीनियर चिकित्सक, पीबीएम हॉस्पिटल , बीकानेर

 

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