रिटायर्ड सहायक वनपाल ने किया सुसाइड,वेतन आयोग का लाभ और इंक्रीमेंट नहीं देने से था परेशान

रिटायर्ड सहायक वनपाल ने किया सुसाइड,वेतन आयोग का लाभ और इंक्रीमेंट नहीं देने से था परेशान

रिटायर्ड सहायक वनपाल ने किया सुसाइड,वेतन आयोग का लाभ और इंक्रीमेंट नहीं देने से था परेशान
चूरू। चूरू में एक रिटायर्ड सहायक वनपाल ने जहरीला पदार्थ खाकर कर सुसाइड कर लिया। इसी साल 31 जनवरी को सरकारी सेवा से रिटायर होने पर उसको पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि और इंक्रीमेंट का लाभ नहीं दिया गया था, जिससे वह परेशान चल रहा था।
इसके बाद बुधवार को परिजन और सर्व समाज के लोग रतनगढ़ के गवर्नमेंट जालान अस्पताल की मॉच्र्युरी के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने शव लेने से इनकार कर दिया। दोषियों पर कार्रवाई, 50 लाख रुपए मुआवजा और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
रतनगढ़ थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत ने बताया कि रतनगढ़ के वार्ड 40 निवासी गौरीशंकर ने मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता सुशील कुमार (60) जनवरी 2025 में सहायक वनपाल के पद से रिटायर्ड हुए थे। सोमवार की देर रात टॉयलेट करने की कहकर घर से बाहर निकले थे, जो देर रात तक घर नहीं लौटे। रिश्तेदारी में सब जगह तलाश किया। मगर सुशील कुमार का कोई सुराग नहीं लगा।
सरकारी सेवा से रिटायर होने पर सुशील कुमार को पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग में वेतन वृद्धि और इंक्रीमेंट का लाभ नहीं दिया गया, जिससे सुशील कुमार निराश था। उसने मंगलवार को रतनगढ़ में समाधि स्थल के पास जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड कर लिया। सूचना पर परिजन व रिश्तेदार मौके पर पहुंचे। परिजनों व अन्य लोगों ने शव को गवर्नमेंट जालान अस्पताल पहुंचाया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को मॉच्र्युरी में रखवाया।
50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग
परिवार और समाज के लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। गवर्नमेंट जालान अस्पताल की मॉच्र्युरी के बाहर धरने पर बैठ गए। वे मृतक के आश्रित को 50 लाख रुपए मुआवजा, एक मृतक आश्रित को सरकारी नौकरी देने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। परिजनों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी। तब तक धरना जारी रहेगा। मृतक के दो बेटे हैं, उनकी अभी तक शादी नहीं हुई है।
थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत ने बताया कि जानकारी के अनुसार मृतक सुशील कुमार पंवार वन विभाग में कार्यरत थे। वर्ष 2000 में सुशील कुमार का वन विभाग बीकानेर रेंज से इंदिरा गांधी नहर परियोजना में श्रीगंगानगर ट्रांसफर हुआ था। मगर इन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। जिस पर सुशील कुमार पर विभागीय कार्रवाई चल रही थी। इसके चलते उनको पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग का लाभ भी नहीं मिला था। वे रतनगढ़ वन विभाग कार्यालय से 31 जनवरी 2025 को ही रिटायर हुए थे।
पुराना मामला बीकानेर में पेंडिंग
चूरू डीएफओ वीरेंद्र सिंह कृष्णिया ने बताया कि सुशील कुमार 31 जनवरी को रिटायर हुए थे। उनका यहां कोई बकाया नहीं है। इनका पुराना मामला बीकानेर से पेंडिंग चल रहा है। वहां से आते ही मैं 7 दिन में अपना काम पूरा कर दूंगा। मेरे यहां आने के बाद किसी भी रिटायर्ड कर्मचारी का कोई भी काम बाकी नहीं रहा है।

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