
जिम्मेदारों ने नहीं उपलब्ध करवाये सुरक्षा उपकरण, बुझ गया एक घर का चिराग






खुलासा न्यूज, बीकानेर। पीबीएम अस्पताल जो संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है, यहां हजारों कर्मचारी ठेके या किसी संस्थान के माध्यम से काम कर रहे है। अधिकांश कर्मचारियों को रिस्क जोन में रहकर काम करना पड़ रहा है, जिनको संबंधित ठेका फर्म या समितियों द्वारा ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है। काम नहीं करने की स्थिति में काम से निकाल देने या पेमेंट रोक लेने की धमकी दी जाती है। मंगलवार को एक समिति के जरिए पीबीएम से संबंधित बच्चा अस्पताल में एयर कंडिशनर (एसी) की रिपेयरिंग करने वाले कर्मचारी की करंट लगने से मौत हो गई। घटना के बाद मृतक के साथ काम करने वाले कर्मचारियों व परिजनों में खासा गुस्सा देखने को मिला। मृतक के भाई ने बताया कि उसका भाई यहां मानव सेवा समिति के जरिये काम रहा था। एसी रिपेयर करते समय उसे करंट लगा और मौत हो गई। भाई ने बताया कि काम करवाते वक्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं करवाये, अगर सुरक्षा उपकरण से काम होता तो शायद उसका भाई आज जिंदा होता। किसी भी ठेके या समिति द्वारा होने वाले काम में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर बकायदा लिखित में फॉर्म भरवाया जाता है कि उनकी फर्म या समिति में काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, अगर ऐसा नहीं किया जाता है संबंधित फर्म या समिति के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। लेकिन मंगलवार को हुई घटना के बाद समिति के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया, क्यों? जबकि मृतक का भाई यह कह रहा है कि काम के दौरान सुरक्षा उपकरण उपलब्ध ही नहीं करवाये। अगर कार्यवाही करनी ही नहीं है तो फिर क्यों कागजी फॉर्मल्टी करवायी जाती है? सवाल निकलकर आता है कि यहां पीबीएम में सब गोलमोल चल रहा है, जिसकी जितनी अच्छी पकड़ और जान-पहचान होगी उसका यहां सबकुछ मिलता है, ठेका भी और काम के साथ अच्छा पैसा भी। इस पैसों के लालच में न जाने आज पीबीएम में कितने कर्मचारियों से जान जोखिम में डालकर काम करवाया जा रहा है, जिसको पीबीएम प्रशासन देखकर भी अनदेखा कर रहा है। अगर यह लालच और गैरजिम्मेदारी आज संबंधित समिति या पीबीएम प्रशासन द्वारा नहीं दिखाई जाती तो शायद तालीम आज हमारे बीच में होता और उस घर में चुल्हा जलता, जिसके घर में आज सन्नाटा पसरा हुआ है, सुनाई दे रही है तो मां, बहन और परिवान के अन्य लोगों की सिसकियां।


