
शहरवासी हो जाये तैयार आने वाली आपके सामने यह समस्या





बीकानेर। नहर विभाग ने 7 दिन पानी नहीं दिया आधा खाली हुआ बीछवाल जलाशय पहले 1 से 30 मई तक एक दिन छोडक़र पानी देने की तैयारी थी
अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने सप्लाई टाइम बढ़ाएगा पीएचईडी जलदाय विभाग 22 मार्च से शहर में एक दिन छोडक़र पेयजल सप्लाई करेगा। विभाग का तर्क है कि शहर के आखिरी छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है, इसलिए सप्लाई का समय बढ़ाएंगे, लेकिन पानी एक दिन छोडक़र देंगे। जबकि नहर विभाग ने साफ कह दिया कि 30 अप्रैल तक शहर में पीने के पानी की किल्लत नहीं होने देंगे, जितनी डिमांड होगी, मुहैया कराएंगे। उधर, अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंचा सकने की अपनी कमी छिपाने के लिए जलदाय विभाग के अफसर पूरे शहर को संकट में डाल रहे हैं। नहरबंदी के लिए पंजाब ने 6 मार्च से सिंचाई का पानी बंद कर दिया है। 30 अप्रैल तक शहर को पीने का पानी मिलेगा, लेकिन एक से 30 मई तक पूरी नहरबंदी होगी यानी नहर से पीने का पानी भी मिलना बंद हो जाएगा। दोनों जलाशयों में स्टोर पानी से ही शहर की आपूर्ति होगी। स्टोर किया पानी 18 दिन दिन काम चलाने जितना है। इसके लिए पीएचईडी ने एक दिन छोडक़र शहर को पानी सप्लाई करने का प्लान बना रखा है। गर्मी बढ़ रही. पीने के लिए ही संकट, कूलर कैसे चलेगा 22 मार्च से कटौती का यह नया शेड्यूल शहर के कई इलाकों में पेयजल किल्लत अभी से बढ़ा देगा। कई घर ऐसे हैं, जहां पानी स्टोर करने की व्यवस्था नहीं है। उन लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। एक से 30 मई तक जो संकट उठाना पड़ता, वो अब 22 मार्च से ही शुरू हो जाएगा। यानी 70 दिन शहर के लोग पानी के लिए बेहाल रहेंगे। अभी गर्मी का आगाज हुआ है। कुछ दिन में ही कूलर चलने शुरू हो जाएंगे, तो हालात और विकट होंगे। एक हफ्ते से शहर के अंतिम छोर में जल संकट, वजह-10 फीसदी खपत बढ़ी: तापमान चढ़ते ही शहर में पानी की डिमांड बढ़ गई है। पिछले सात दिन से शहर के अंतिम छोर वाले रानी बाजार, पवनपुरी, पुराना शहर, धोबी धोरा, इंद्रा कॉलोनी, भीनासर समेत कई इलाकों में पानी की सप्लाई घट गई है। वजह, जलदाय विभाग पहले की तरह 140 एमएलडी ही पानी सप्लाई कर रहा है। जबकि अब जरूरत करीब 150 एमएलडी की है। यानी पानी की 10 फीसदी डिमांड बढ़ गई है। इस बीच नहर विभाग 7 दिन से पीएचईडी के जलाशयों को सप्लाई नहीं कर रहा है। इसकी वजह से दोनों जलाशय आधे रह गए हैं। शोभासर और बीछवाल दोनों जलाशयों में करीब ढाई-ढाई मीटर पानी बचा है। जलदाय विभाग ने इसे स्थायी कटौती मानते हुए जलापूर्ति का समय घटा दिया है। पहले जहां डेढ़ घंटे सप्लाई होती है, अब सिर्फ एक घंटे ही हो रही है। इस वजह से अंतिम छोर के इलाकों में पानी का संकट हो रहा है। हालांकि सोमवार देर शाम नहर विभाग ने शोभासर में 37 क्यूसेक और बीछवाल जलाशय में 70 क्यूसेक पानी देना शुरू कर दिया। एक्सपर्ट से जानिए अभी शहर को किल्लत से कैसे बचा सकता है जलदाय विभाग अभी दिन में एक समय अधिकतम डेढ़ घंटे की जलापूर्ति होती है। दोनों समय की जलापूर्ति बंद किए 2 साल हो गए। जलदाय विभाग यदि टेल पर पानी पहुंचाना चाह रहा है तो दोनों समय जलापूर्ति करनी होगी। एक समय जलापूर्ति होने से लोग अधिक से अधिक पानी स्टोर करने के लिए मोटर भी लगाते हैं, जिससे अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है। यदि दोनों समय जलापूर्ति हो तो अंतिम छोर तक पानी पहुंच जाएगा क्योंकि सप्लाई अधिक समय मिलने से मोटर का इस्तेमाल कम हो जाएगा। प्रशासन को चाहिए कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जलदाय विभाग को दोनों समय जलापूर्ति के लिए पाबंद करे ताकि नहर से मिलने वाले पानी का पूरा उपयोग हो और लोगों को जल संकट से बचाया जा सके।
आईजीएनपी नहर से हमें पानी कम मिल रहा था। हालांकि अभी स्थिति बिगडऩे जैसी नहीं है। पानी वापस जलाशयों में आने लगा है, लेकिन आगे की स्थिति के लिए हमें 22 मार्च से पानी की कटौती करनी पड़ेगी। एक दिन छोडक़र एक दिन पानी देने की योजना बनाई है। अभी पूरा प्लान नहीं बनाया पर मार्च से ही कटौती शुरू करने का फैसला ले लिया है। हमने पीएचईडी को नहरबंदी से पूर्व ही कहा था कि 30 अप्रैल तक पीने के पानी में कोई कमी नहीं आने देंगे। भले ही एक बार जलाशयों में पानी कम हो गया हो लेकिन हम वापस भर रहे हैं। हम जलाशय भरने के लिए अलग पानी दे रहे हैं और रोज की सप्लाई के लिए अलग। कटौती जलदाय विभाग का अपना फैसला है।


