राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाओं का रिपोर्ट कार्ड, क्यों नजर नहीं आते राहुल गाँधी को ऐसे जघन्य मामले - Khulasa Online राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाओं का रिपोर्ट कार्ड, क्यों नजर नहीं आते राहुल गाँधी को ऐसे जघन्य मामले - Khulasa Online

राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाओं का रिपोर्ट कार्ड, क्यों नजर नहीं आते राहुल गाँधी को ऐसे जघन्य मामले

दिल्ली में पिछले दिनों नौ साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में राजनीति फिर से गरमा गई है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीड़िता बच्ची और परिवार से मुलाकात के बाद केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाए तो भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी हाथों-हाथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार को घेर लिया। पात्रा ने कहा दुष्कर्म पर राजनीति करने वाली कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब में दुष्कर्म के ऐसे जघन्य मामले नजर क्यों नहीं आते है। पात्रा ने दुष्कर्म के केसों में राजस्थान नंबर एक पर है।

यूपी और एमपी को पीछे छोड़ राजस्थान आगे, वर्ष 2019 में 5997 दुष्कर्म के मुकदमे
NCRB द्वारा वर्ष 2019 में दर्ज अपराधों के आंकड़े के अनुसार राजस्थान में महिलाओं से अत्याचार संबंधित अपराधों में काफी बढ़ोतरी हुई। इनमें दुष्कर्म की घटनाओं में राजस्थान अव्वल रहा है। यहां वर्ष 2019 में महिलाओं और युवतियों से दुष्कर्म के सबसे ज्यादा 5997 मुकदमे दर्ज हुए। इन आंकड़ों के हिसाब से राजस्थान में रोजाना दुष्कर्म की औसत 16 घटनाएं हुई। इनमें सबसे ज्यादा दुष्कर्म की वारदातें 16 से 18 वर्ष के उम्र की बच्चियों के साथ हुई। राजस्थान के बाद उत्तरप्रदेश में 3065 केस, मध्यप्रदेश में 2485 और महाराष्ट्र में 2299 मुकदमे दर्ज हुए। पांचवें नंबर पर केरल रहा। यहां 2023 केस दर्ज हुए।

18 से 30 वर्ष के बीच उम्र वाली युवतियों व महिलाओं से दुष्कर्म की सबसे ज्यादा घटनाएं

बात राजस्थान की करें तो यहां 6 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 15 वारदातें हुई। 6 वर्ष से ऊपर और 12 वर्ष से कम उम्र वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म के 70 केस दर्ज हुए। 12 से 16 वर्ष की उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 462 घटनाएं हुई। NCRB के रिकॉर्ड के मुताबिक राजस्थान में 16 से 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की 767 घटनाएं हुई। यहां कुल 1314 नाबालिग बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हुई। वहीं, 18 वर्ष से ज्यादा और 30 वर्ष तक उम्र की 3263 महिलाओं व युवतियों के साथ दुष्कर्म के मामले सामने आए। जबकि 30 से 45 वर्ष की महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 1272 केस दर्ज हुए।

60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं से भी हुए दुष्कर्म

इसी तरह, NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में 45 साल से 60 साल की तक की महिलाओं के साथ राजस्थान में दुष्कर्म के 200 केस और 60 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के साथ रेप के 2 मामले सामने आए। पूरे देश में दुष्कर्म के 30641 केस दर्ज हुए। इनमें 30868 महिलाएं, बच्चियां और युवतियां रेप का शिकार हुई।

महिला अत्याचारों के केस में देश में राजस्थान दूसरे नंबर पर, 41 हजार से ज्यादा मुकदमे
महिला अत्याचारों से संबंधित मामलों की बात करें तो राजस्थान में वर्ष 2017 में 25995 केस दर्ज हुए थे। इसके बाद वर्ष 2018 में 27866 मुकदमे दर्ज हुए। लेकिन वर्ष 2019 में महिला अत्याचारों के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया। यहां विभिन्न जिलों में 41,550 केस सामने आए। NCRB के आंकड़ों के अनुसार महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में राजस्थान दूसरे नंबर पर रहा।

नाबालिगों द्वारा महिलाओं से छेड़छाड़ में तीसरे नंबर पर राजस्थान

NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं के साथ नाबालिकों द्वारा छेड़छाड़ व परेशान करने के मामलों में भी राजस्थान पीछे नहीं है। यहां दर्ज हुए लगभग 125 मुकदमों के हिसाब से राजस्थान देश में तीसरे नंबर पर रहा है। राजस्थान से ज्यादा केस मध्यप्रदेश में 348 व महाराष्ट्र के बाद 156 मामले सामने आए है। जहां 18 वर्ष से कम उम्र के लड़कों ने युवतियों व बच्चियों से छेड़छाड़ की है।

डीजीपी लाठर ने कहा- प्रदेश में FIR अनिवार्य होने से दर्ज हुए ज्यादा केस, 42 प्रतिशत केस झूठे
मामले में राजस्थान के डीजीपी मोहनलाल लाठर का कहना है कि राजस्थान में अनिवार्य रुप से मुकदमा दर्ज करने की व्यवस्था राजस्थान सरकार ने लागू कर रखी है। इसीलिए दुष्कर्म केसों की संख्याओं में भी बढ़ोतरी हुई। राजस्थान में दर्ज हुए दुष्कर्म के करीब 42 प्रतिशत मामले पुलिस अनुसंधान में झूठे पाए गए है। इस साल भी राजस्थान में 3022 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। इनमें 767 केस झूठे पाए गए। जिनमें पुलिस ने FR लगा दी।

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