
रीट:नई भर्ती की जल्दबाजी में निदेशालय स्तर पर हुई नियमों की हुई अनदेखी






खुलासा न्यूज,बीकानेर। रीट भर्ती -2016 को लेकर शिक्षा निदेशालय की एक आरक्षित सूची के सर्कुलर के दरकिनार किये जाने का खामियाजा हजारों बेरोजगार भुगत रहे है। जिसको लेकर लंबित भर्तियों के अभ्यर्थी फिर से सोशल मीडिया पर लामबंद होते नजर आ रहें हैं। जानकारी मिली है कि चयनित अभ्यार्थी जयपुर में लामबंद होकर आन्दोलन की रूपरेखा बना रहे है। बताया जा रहा है कि अंग्रेजी और विज्ञान-गणित के (826+877)अभ्यर्थियों के साथ भर्ती एजेंसी शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने वेटिंग सूची के वास्तविक सर्कुलर को छुपाकर एक गलत सर्कुलर को अपनाया और भर्ती को बिना पूर्ण किए बेरोजगारों को आज तक लटका रखा है। वर्षों से लंबित रीट भर्ती 2016 के ये अभ्यर्थी वीडियो व स्लोगन की मार्फत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा से हाई कोर्ट आदेशों के खिलाफ सरकार की ओर से दायर एसएलपी वापिस लेकर कार्मिक विभाग के दिशा निर्देशों व भर्ती नियमों के अनुसार वेटिंग सूची जारी की गुहार लगा रहें हैं। एक बार भी वेटिंग सूचि जारी न होने से अंग्रेजी विषय के 4960 पदों में से 826 पद तथा विज्ञान-गणित विषय के 950 में से 877 पद आज भी रिक्त पड़े हैं।
आखिर कहां चूक हुई – एक पड़ताल
निदेशालय बीकानेर द्वारा उक्त भर्ती की अपनाई गई प्रक्रिया की पड़ताल से स्पष्ट हुआ है कि भर्ती एजेंसी ने इस भर्ती को नियमानुसार पूरा करने की बजाय जल्दबाजी में लीपापोती कर इसे बंद करने के तरीके अपनाए 7 भर्ती प्रक्रिया व नियम दोनों को ही ताक पर रखा गया 7 जिस स्पष्ट नियम निर्देशों के अधीन इस भर्ती के सभी पदों को भरना चाहिए था वह प्रक्रिया निदेशालय ने अपनाई ही नहीं
(1) निदेशालय ने बिना कागजात सत्यापन के अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन भरी गई सूचनाओं को सही मानते हुए अंतिम परिणाम जारी कर दिया तथा नियुक्ति एवं जिला आवंटन प्रक्रिया शुरू कर दी। इसके बाद जैसे ही चयनितों को कागजात सत्यापन के लिए बुलाया गया तो अंग्रेजी विषय के करीब 4960 चयनितों में से 826 अभ्यर्थी अपात्र एवं अनुपस्थित रह गए जिनके पद आज तक रिक्त हैं। जबकि भर्ती नियमों में स्पष्ट निर्देश था कि अंतिम चयन सूचि में केवल पात्र अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए।
(2) दूसरी चूक वेटिंग लिस्ट के नियम को लेकर हुई। रीट भर्ती 2016 का अंग्रेजी विषय का सम्पूर्ण संशोधित परिणाम 20 अगस्त 2018 को जारी हुआ। उक्त परिणाम के साथ नियमानुसार 0.5 गुणा वेटिंग सूचि जारी होनी चाहिए थी।निदेशालय ने चुनावी साल में जल्दबाजी में रीट 2018 की नई भर्ती शुरू करने के दबाव में मनमाने तरीके वेटिंग सूचि संबंधी 13 जनवरी 2016 के स्पेशल सर्कुलर की तरफ ध्यान ही नहीं दिया। उक्त सर्कुलर में सुस्पष्ट है कि किसी भी सीधी भर्ती के अंतिम रिजल्ट के साथ डेढ़ गुणा वेटिंग सूची भी जारी होनी चाहिए जिससे रिक्त पदों को भरा जा सके,लेकिन निदेशालय ने ऐसा नहीं कि या। इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए निदेशालय ने रीट भर्ती 2016 के मुख्य परिणाम से पहले ही 31जुलाई 2018 को रीट भर्ती 2018 का नया विज्ञापन जारी कर दिया।कुछ यही हाल रीट भर्ती 2016 विज्ञान-गणित की भर्ती का है। इस भर्ती के भी 80त्न पद रिक्त पड़े हैं। नियमानुसार एक बार भी वेटिंग सूचि जारी नहीं हुई है।
बड़ा सवाल: निदेशालय द्वारा वेटिंग सूचि संबंधी 13 जनवरी 2016 के सर्कुलर की सरासर अवहेलना और नई भर्ती की जल्दबाजी में मनमाने तरीके से नई भर्ती संबंधी 26 अप्रैल 2018 के सर्कुलर को लागू क रने का असली अंजाम प्रदेश के हजारों बेरोजगारों को आज तक भुगतना पड़ रहा है। निदेशालय और विभाग की ह_ के चलते इस प्रकरण में हाई कोर्ट निर्णय भी नाकाफी साबित हुए हैं एवं मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है।
सवाल यह है कि:-
(1) भर्ती की प्रभारी एजेंसी इतनी बड़ी चूक करके भी अपनी गलती को स्वीकार कर हाई कोर्ट आदेशों को मानने को क्यों तैयार नहीं है?
(2) यदि भर्ती की जिम्मेदार एजेंसी सही सर्कुलर की पहचान करने में असफल रही है तो त्रुटि सुधार में इतनी देरी क्यों?
(3) आखिर कब तक राजस्थान का बेरोजगार हाई कोर्ट की एकल व डबल बेंच में जीतने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णयों के अधीन जॉइनिंग की राह देखता रहेगा?


