
आर्यन ड्रग के नियमित उपभोक्ता, न्यायालय जमानत पर 20 अक्टूबर को सुनाएगी फैसला






मुंबई: स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने बृहस्पतिवार को विशेष एनडीपीए अदालत में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि वह मादक पदार्थों के नियमित उपभोक्ता हैं.आर्यन खान को क्रूज शिप पर कथित तौर पर मादक पदार्थ जब्त करने के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. एनसीबी ने उन्हें तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था और उन्हें कम से कम छह दिन और जेल में रहना होगा क्योंकि अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला 20 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया.
नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) मामलों के विशेष न्यायाधीश वीवी पाटिल की अदालत में आर्यन खान और दो अन्य – अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धामेचा- ने जमानत की याचिका दायर की है.एनसीबी का पक्ष रखने के लिए पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने दावा किया कि ऐसे सबूत हैं जो दिखाते हैं कि आर्यन खान गत कुछ वर्षों से मादक पदार्थों के नियमित ग्राहक थे. उन्होंने इसके साथ ही खान के व्हाट्सऐप चैट के हवाले से उनके साजिश में शामिल होने का आरोप दोहराया.
आर्यन की गिरफ्तारी के बाद से एनसीबी का कहना रहा है कि उनके पास से व्यक्तिगत तौर पर कुछ भी नहीं मिला है. हालांकि, व्हाट्सऐप चैट से उनके मादक पदार्थ तस्करों से संबंध का खुलासा हुआ है.एएसजी ने आगे कहा कि क्रूज शिप पर मर्चेंट के पास से जब्त मादक पदार्थ आर्यन और मर्चेंट के लिए था. एनसीबी यह भी दावा कर रही है कि आर्यन के अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ गिरोह के सदस्यों से संबंध है.
एएसजी ने कहा कि गिरोह के सदस्यों की पहचान के लिए विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं. सिंह ने एक अन्य मामले में उच्च न्यायालय के फैसले का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि अगर आरोपी का मादक पदार्थ तस्कर से संपर्क का संकेत मिलता है तो मादक पदार्थ की उसके पास से बरामदगी नहीं होने पर भी जमानत नहीं दी जानी चाहिए.एनसीबी के वकील ने कहा कि नशा युवाओं को प्रभावित कर रहा है और जमानत देते वक्त लड़के के कॉलेज जाने के पक्ष पर विचार नहीं किया जाना चाहिए. वकील ने कहा कि देश का भविष्य इस पीढ़ी पर निर्भर है.
एएसजी ने कहा कि यह वह आजादी नहीं है जो हमारे स्वत्रंता सेनानियों के जहन में थी. यह धरती महात्मा गांधी और बुद्ध की है.मामले की जांच शुरुआती दौर में है और इस चरण में जमानत नहीं दी जानी चाहिए.आर्यन खान का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने कहा कि एनसीबी ने खुद कहा है कि कथित तौर पर आर्यन ने अक्षित कुमार और अन्य गिरफ्तार लोगों के नाम का खुलासा किया है. एजेंसी जांच जारी रख सकती है लेकिन आर्यन के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से संबंध का आरोप पूरी तरह से बकवास और गलत है.


