परिजनों की जांच से इंकार,आएं दिन हो रहा हंगामा
खुलासा न्यूज,बीकानेर। बीकानेर में कोरोना रोगियों की संख्या बढऩे के बाद अब चिकित्सा विभाग ने पॉजिटिव कम करने का जबर्दस्त तरीका ढूंढ लिया है और वो तरीका है जांच नहीं करना। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति जमकर इस महामारी को फैला रहा है। मंजर यह है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में अब स्वास्थ्य व उपस्थावस्थ्य केन्द्र तो जांच से ही इंकार कर रहे है। जिसकी अनेक शिकायतों के बाद भी चिकित्सा महकमा कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। हातात तो यह हो गये है कि अब जब आमजन इसको लेकर सजगता दिखा रहा है। वहीं दूसरी ओर कम आंकड़ों के चक्कर में चिकित्सा विभाग ने स्वास्थ्य केन्द्रों के लिये लक्ष्मण रेखा ही खींच दी है। चिकित्सा विभाग के अधिकारी दबी जुबान में स्वीकार भी कर रहे हैं कि उन्हें कम से कम जांच के आदेश है, ताकि पॉजिटिव का आंकड़ा बढ़े नहीं। मंगलवार सुबह श्रीडूंगरगढ़ के मोमासर में ऐसा ही दृश्य देखने को मिला, जहां ग्रामीणों ने डॉक्टर के सामने जमकर हंगामा किया और खरी खोटी सुनाई।
दरअसल, मोमासर में पिछले कुछ दिन से पॉजिटिव रोगियों की संख्या बढ़ रही है। पहली लहर में तो चिकित्सक घर घर जाकर समझा रहे थे कि कोई पॉजिटिव आया है तो घर के सभी सदस्यों को अपनी जांच करवानी चाहिए लेकिन इस बार जब जागरुक परिजन अस्पताल पहुंच रहे हैं तो जांच के लिए मना किया जा रहा है। मोमासर में एक पॉजिटिव रोगी ने स्वयं पहुंचकर बताया कि उनके घर के अन्य सदस्यों की जांच नहीं की जा रही है। चिकित्सक का कहना है कि जिनको बुखार ज्यादा है, उनकी ही जांच की जा रही है। शेष का सिर्फ तापमान देखकर वापस भेजा जा रहा है। जिन रोगियों में बुखार के अलावा कोरोना के सभी लक्षण है, उनकी भी जांच करने में आनाकानी की जा रही है।
23 पॉजिटिव, 20 की जांच
मोमासर में 23 नए पॉजिटिव केस आने के बाद महज बीस टेस्ट लिए गए हैं। जिला परिषद के पूर्व सदस्य सुभाष कमलिया ने बताया कि कहने को गांव में शिविर लगाया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ बुखार नापकर वापस भेजा हा रहा है। ऐसे में आम आदमी के स्वास्थ्य के प्रति चिकित्सा विभाग खिलवाड़ कर रहा है।