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सरकारी स्कूलों के वार्षिकोत्सव की राशि में कटौती: पांच हजार से तीन हजार रुपए की मिलेगी राशि

जयपुर। राजकीय स्कूलों में इस बार होने वाले वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह के लिए मिलने वाली राशि में कटौती कर दी गई। ऐसे में स्कूलों को भामाशाह और संस्थाओं पर निर्भर होना पड़ता है। संस्था प्रधान को भामाशाहों की मानमुनहार करनी होगी।
यदि सहयोग नहीं मिलता है तो आयोजक को अपनी जेब से खर्च करना पड़ेगा। शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि महंगाई बढ़ गई है, हर चीज की कीमत दोगुनी हो गई है।
स्कूलों को भामाशाह और संस्थाओं पर निर्भर होना पड़ता है। सरकार को बजट बढ़ाना चाहिए।
संयुक्त कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष दुर्गाराम मोगा ने बताया कि वार्षिक उत्सव के लिए विद्यालयों को आवंटित बजट पिछले वर्ष की बजाय आधा कर दिया गया है। जबकि महंगाई के कारण व्यवस्थाओं पर लागत दोगुनी हो गई है। इससे संस्था प्रधानों को वार्षिक उत्सव के लिए किए जाने वाली व्यवस्थाओं को सीमित करना पड़ेगा। साथ ही भामाशाहों की सहयोग लेना पड़ेगा।
पांच से तीन हजार की राशि
पिछली बार विभाग की ओर से उच्च माध्यमिक व माध्यमिक स्कूलों को दस हजार रुपए व उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों को सात हजार रुपए की राशि दी गई थी, लेकिन इस बार राशि मे कटौती करते हुए पांच हजार व तीन हजार रुपए कर दी गई। बजट से अधिक व्यय होने पर भामाशाहों का सहयोग लेने के निर्देश दिए है।
शुरू नहीं हुए समारोह
विभाग की ओर से 6 से 28 के मध्य वार्षिकोत्सव के निर्देश दिए गए है। ग्राम पंचायत स्तर पर बने आदर्श व उत्कृष्ट उच्च प्राथमिक व प्राथमिक स्कूलों में समारोह आयोजन किया जाएगा। जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन, मेधावी विद्यार्थियों व भामाशाहों का सम्मान आदि किया जाएगा। लेकिन अभी सर्दी का असर तेज होने से अभी तक समारोह शुरू नहीं हो पाए है।

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