लोन लेने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर, वरना भविष्य में हो जाएंगे परेशान - Khulasa Online लोन लेने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर, वरना भविष्य में हो जाएंगे परेशान - Khulasa Online

लोन लेने से पहले पढ़ लीजिए यह खबर, वरना भविष्य में हो जाएंगे परेशान

जयपुर। कोरोना काल में निजी वाहनों की जरूरत बढऩे और फेस्टिव सीजन में तमाम ऑफर्स के चलते लोग कारों की जमकर खरीद कर रहे हैं। यही नहीं ऐसे लोग जिनके पास कार के लिए कैश में पर्याप्त बजट नहीं है, वे लोन पर भी घर में नई कार ला सकते हैं। पर्सनल लोन और होम लोन के मुकाबले कार लोन काफी सस्ता रहता है।
कार की खरीद करते वक्त गाड़ी के फीचर्स, प्राइस और माइलेज के अलावा लोन पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है ताकि आप किसी तरह के दुष्चक्र में न फंसें। आइए जानते हैं, कार लोन लेने लेते समय जरूरी हैं क्या सावधानियां. अपना बजट चुनें और ब्याज का रखें ध्यान: यदि आप कार लोन लेना चाहतेहैं तो पहले अपना बजट तय करें। उसके बाद यह तय देखें कि आपको जो लोन ऑफर किया जा रहा है, उसकी ब्याज दर क्या है। आमतौर पर किसी बैंक के साथ पहले से जुड़े ग्राहकों को सस्ते लोन दिए जाते हैं। फिर आपको लोन से पहले यह ध्यान देने की जरूरत है कि किस बैंक से किस दर पर लोन मिल रहा है। यदि आप कम ब्याज दर पर लोन लेते हैं तो फिर आप ज्यादा किस्त भरते हुए कम समय में ही लोन अदा कर सकते हैं। कम किस्त पर लंबी अवधि के लोन के मुकाबले यह बेहतर विकल्प होगा। लोन के विकल्पों का करें तुलनात्मक अध्ययन: लोन लेने से पहले सभी विकल्पों पर विचार कर लें। इसके अलावा आप यह भी चुन सकते हैं कि आखिर आपको किस तरह के लोन की जरूरत है। यह फैसला आपको अपने पास उपलब्ध बजट के आधार पर करना होगा। इसके अलावा बैंक की ओर से कई तरह की लोन स्कीम मुहैया कराई जा रही हैं। सैलरीड क्लास के लोगों के लिए‘Step up scheme’  का ऑफर दिया जा रहा है। इसके तहत कर्जधारक के लोन की ईएमआई हर साल 10 फीसदी बढ़ जाती है। ऐसा सैलरी में सालाना इजाफे के अनुमान के साथ किया जाता है। लोन इंश्योरेंस के विकल्प पर भी करें विचार: लोन लेते वक्त आप कर्ज बीमा के विकल्प को भी अपना सकते हैं। ऐसा करने पर किसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में आपको सुरक्षा की गारंटी मिलेगी और लोन भरने से राहत मिलेगी। फीस और चार्ज का पहले करें पता: लोन लेने से पहले प्रोसेसिंग फीस और फोरक्लोजर जैसे चार्जेज के बारे में भी पता कर लें। कई बार ऐसा होता है कि बैंकों की प्रोसेसिंग फीस में बड़ा अंतर होता है। ऐसे में लोन की ब्याज दर के अलावा प्रोसेसिंग फीस पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।

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