
शहर अध्यक्ष की ताजपोशी कार्यक्रम में नहीं दिखे रांका, चर्चाओं का बाजार हुआ गर्म, लेकिन शाम होते-होते सामने आई सुखद तस्वीर





पत्रकार, कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। सोमवार शाम 5.15 बजे आखिरकार बीकानेर भाजपा को अपना नया शहर जिलाध्यक्ष मिल ही गया। पिछले लंबे समय से चल रही चर्चाओं के बाजार में भी आखिऱकार विराम लग गया। जैसे ही सुमन छाजेड़ के नाम की घोषणा हुई तो एक वर्ग में जहां खुशी तो दूसरे वर्ग में मायूसी देखने को मिली। राजनीति से जानकारों की माने तो महिला भाजपा शहर जिला अध्यक्ष की पटकथा बहुत पहले ही तैयार कर ली गई थी। संभाग में सभी जातियों को साधकर तय कर लिया था कि संभाग में एक महिला अध्यक्ष का पद देना पड़ेगा। जब संगठन में ऐसी बातें उठने लगी तो कहा जाने लगा कि पूर्व महापौर सुशीला कंवर जिला अध्यक्ष बनेगी। अर्जुनराम मेघवाल भी उनके लिए यह रणनीति तैयार कर रहे थे, लेकिन पिछले चार-पांच महीनों से रांका की मंत्री मेघवाल के साथ नजदीकियां और मोहन सुराणा से दूरी महापौर की ताजपोशी में बाधा उत्पन्न हो रही थी। क्योंकि रांका लगातार अर्जुन राम मेघवाल के साथ नजर आने लगे थे। बाजारों में यह चर्चा आम हो गई थी कि इस बार रांका का अध्यक्ष बनना तय है। कुछ दिन पहले आयोजित हुए एक कार्यक्रम में भी रांका काफी सक्रिय नजर आए। रांका की इस पद के लिए मजबूती यह थी कि वे वैश्य समाज से आते हैं, उनके पास कार्यकर्ता की एक बड़ी टीम है और हर कार्यक्रम को सफलता तक पहुंचाने में सक्षम भी हैं, भाजपा को किसी भी प्रकार के संसाधनों में कमी नहीं आने देते। लेकिन जैसे ही देहात में श्याम पंचारिया अध्यक्ष बने उसके बाद यह तय हो गया था कि भाजपा कहीं ना कहीं शहर अध्यक्ष में महिला को ला सकती है। पूर्व महापौर के लिए लॉबिंग भी तेज हो गई थी, एक बार यह खबर भी चल गई थी कि सुशीला कंवर को जिला अध्यक्ष बना दिया गया। लेकिन थोड़ी ही देर में भाजपा कार्यालय से इन ख़बरों का खंडन कर दिया गया। पांच सालों में बीकानेर की जनता कभी नहीं समझ पाई कि बीकानेर नगर निगम का महापौर कौन है, तो संगठन में भी कहीं ऐसा ना हो की जिला अध्यक्ष कौन है। इस बात की चर्चा बाजार में तेज हुई तो अंदरखाने विरोध शुरू हुआ तो पूर्व महापौर खुद बैकफुट पर आ गई। पूर्व महापौर का नाम कटने के बाद भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन छाजेड़ की एंट्री हुई। रांका और सुराणा की लड़ाई में छाजेड़ ने बाजी मारी। सबसे बड़ी बात ये है कि सुमन छाजेड़ अध्यक्ष बनी लेकिन महावीर रांका ने कार्यक्रम में नहीं पहुंचकर खुली बगावत का संदेश भी दे दिया। अब दोनों ही बड़े दिग्गज नेता सुराणा और रांका की राजनीति किस और करवट लेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हालांकि चर्चाओं से गर्म होते बाजार के बीच पार्टी के लिए सुखद तस्वीर भी सामने आ गई, जहां महावीर रांका ने मंगलवार को नवनिर्वाचित अध्यक्ष सुमन छाजेड़ का स्वागत किया। इस दौरान रांका ने अध्यक्ष को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। इस तस्वीर के बाद बाजार में आग की तरह फैल रही चर्चाओं में काफी हद तक विराम लगा है।
वहीं, अध्यक्ष बनने की अनेक तरह की चर्चाओं में इस बात को ज्यादा हवा दी जा रही है कि महावीर रांका के अध्यक्ष नहीं बनने की वजह बीकानेर के दोनों विधायकों का विरोध होना है, बताया जाता है कि दोनों विधायक यह नहीं चाहते थे कि महावीर रांका अध्यक्ष बने। दोनों विधायकों के अपने-अपने तर्क थे, इन तर्कों ने ऊपर तक मजबूती के साथ रखा और पार्टी आलाकमान ने भी विधायकों की बात को तवज्जों दी। जिसका नतीजा यह निकला कि आज बीकानेर भाजपा को एक महिला के रूप में अध्यक्ष मिला। जिनका साफ सुथरा राजनीतिक सफर रहा है।


