बिना हथियार का ‘लड़ाका’ रामनिवास कूकणा, विरोधी भी है इसके कायल
– संघर्ष का दूसरा प्रयाय बने कूकणा, मेरा समर्थन छात्र हितों के लिए कुछ भी करने को रहूंगा तैयार
बीकानेर। एनएसयूआई का जिलाध्यक्ष रामनिवास कूकणा ने हर-पल , हर परिस्थिति में छात्र हितों के लिए संघर्ष कर समस्याओं का समाधान करवाया है। चाहे शालू दुष्कर्म हत्याकाण्ड प्रकरण हो या अन्य प्रकरण हो हमेशा रामनिवास कूकणा लड़ाई लडऩे में आगे रहते है। कूकणा सब के दर्द को ना केवल समझते है बल्कि निस्तारण करवाने तक पीछे भी नहीं हटते है, चाहे किसी भी हद को पार करना पड़े। वो लड़ाई लडऩे के लिए ना पिस्तौल रखते है ना तलवार और ना ही डण्डा फिर भी लड़ाई लड़कर समस्याओं का समाधान करवाते है। कहीं ना कहीं इसी कारण विरोधी भी कायल है। जमीन से जुड़े रामनिवास कूकणा संघर्ष के दूसरा प्रयाय कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। कूकणा अब फिर से मैदान में है। कूकणा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि मेरा समर्थन करोगे तो छात्र हितों के लिए कुछ भी करने को तैयार रहूंगा।
संघर्ष की गाथा
बीकानेर के एक छोटे से गांव पेमासर में एक किसान परिवार मे कूकणा का जन्म हुआ । इनके पिता कृषि कार्य करते है। अनेक विपत्तियों के बाद भी कूकणा ने उच्च शिक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर मे प्रवेश लिया। कॉलेज जाने पर पता चला कि जहां पैर रखो वहीं समस्या ही समस्या नजर आई। इस पर अमल करते हुए उक्त समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। साथ ही महाविद्यालय मे व्याप्त बुराईयों के खिलाफ अपनी अवाज बुलंद करते रहे। संघर्ष को अपने जीवन का सिद्धांत बना लिया। महाविद्यालय मे सीटे बढाने, विषय परिवर्तन के लिए तारिख बढाने को लेकर लगातार आन्दोलन करते रहे है ओर इनके प्रयासो के कारण छात्रो को बेहतर सुविधाऐ भी मिलने लगी है। आज दिनांक तक कूकणा डूंगर महाविद्यालय सहित बीकानेर की तमाम कॉलेजों मे सक्रिय रहकर संघर्ष कर रहे है।
कई आरोप लगे, लेकिन जांच में हुए थे बेदाग साबित
बता दें कि पिछले दिनों रामनिवास कूकणा पर कुछ लोगों ने तीसरे मोर्चे में शामिल होने सहित कई गंभीर का आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बीच एनएसयूआई संगठन ने इस मामले की गंभीर रूप से जांच कराई। इस जांच में संगठन के पदाधिकारियों ने कुकणा पर लगे आरोपों को गलत पाया गया। बेदाग साबित होने पर पदाधिकारियों ने रामनिवास कूकणा को फिर से एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष का कार्यभार सौंपा।
छात्रों के हित में जा चुके है जेल
फीस वृद्धि के मामले को लेकर कूकणा ने काफी प्रयास किया, लेकिन एमजीएसयू प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। सुनवाई न होने पर कूकणा के नेतृत्व में छात्र-छात्राओं ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए छात्र नेता कूकणा को गिरफ्तार कर जेसी करवा दिया। चार दिन तक कूकणा जेल में रहे। इस दौरान जेल में कूकणा के साथ देशद्रोहियों जैसा बर्ताव किया गया। इसके बाद भी कूकणा आज भी छात्र हितों की लड़ाई लड़ रहे है। कूकणा का कहना है कि हम छात्र हित के लिए यूं ही संघर्ष करते रहेंगे। चाहे सरकार लाठीचार्ज कराए या फिर गिरफ्तारी । हितों के लिए मरते दम तक लड़ाई करते रहेंगे।
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