राज्यश्री को जूनागढ़ मंदिर में दर्शन के लिया रोका, बिना दर्शन वापस लौटी

राज्यश्री को जूनागढ़ मंदिर में दर्शन के लिया रोका, बिना दर्शन वापस लौटी

 

राज्यश्री को जूनागढ़ मंदिर में दर्शन के लिया रोका, बिना दर्शन वापस लौटी
बीकानेर।
बीकानेर । पूर्व राजघराने का प्रॉपर्टी विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। बीकानेर शहर स्थित जूनागढ़ किले में शुक्रवार को मंदिर दर्शन करने पहुंची राज्यश्री कुमारी (अंतरराष्ट्रीय शूटर) को मुख्य गेट पर ही रोक दिया गया।
मुख्य गेट पर तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड और कोटगेट थानाधिकारी विश्वजीत सिंह ने राज्यश्री कुमारी, उनके विधि सलाहकार एडवोकेट कमल नारायण पुरोहित और अविनाश व्यास को प्रवेश की परमिशन देने से इनकार कर दिया। इसके बाद करीब डेढ़ से दो घंटे तक इंतजार करने के बाद राज्यश्री वापस अपने घर लौट गई।
राज्यश्री का कहना है कि पूर्व महाराजा नरेंद्र सिंह की आज पुण्यतिथि है, इसलिए वे जूनागढ़ स्थित मंदिर में दर्शन करने आई थी, लेकिन उन्हें रोका गया। यह पूजा के अधिकार का हनन है। उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और उन्हें जस्टिस जरूर मिलेगा।
बता दें कि राज्यश्री वर्तमान में भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी की बुआ है और करणी सिंह ट्रस्ट की संचालक है। फिलहाल रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ है। यहां प्राचीना नाम से एक म्यूजियम है, जिसका संचालन सिद्धि कुमारी करती हैं।
दोनों के बीच लंबे समय से पूर्व राजपरिवार की प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है।
डॉ. करणी सिंह ने वसीयत में बनाए थे 5 एडमिनिस्ट्रेटर
डॉ. करणी सिंह की वसीयत में उनकी संपत्ति से जुड़े ट्रस्टों की देखरेख के लिए कुल 5 एडमिनिस्ट्रेटर बनाए गए थे। इनमें डॉ. करणी सिंह की पत्नी सुशीला कुमारी, राजसिंह डूंगरपुर, अरविंद सिंह मेवाड़, मानेकशा और राज्यश्री को एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया था। जब तक सुशीला कुमारी जीवित थी, तब तक इसका संचालन उन्होंने ही किया।
5 में से 4 एडमिनिस्ट्रेटर की मृत्यु के बाद राज्यश्री अकेली एडमिनिस्ट्रेटर रही हैं। इसी को आधार बनाते हुए सिद्धि कुमारी ने उनके एडमिनिस्ट्रेटर-शिप को ही चुनौती दी थी। सुशीला कुमारी की मृत्यु के बाद उनकी बेटी सिद्धि कुमारी ने संपत्तियों पर अपना अधिकार जताया। बाद में सिद्धि कुमारी ने अदालत में केस दायर कर दिया।
कोर्ट से मिले स्टे को राज्यश्री कुमारी ने अपने पक्ष में माना
पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी के देहांत के बाद सिद्धि कुमारी ने जिला न्यायाधीश संख्या तीन में एक वाद प्रिंसेस राज्यश्री कुमारी व प्रिंसेस मधुलिका कुमारी समेत अन्य के खिलाफ केस दायर किया। इसमें सिद्धि कुमारी ने राज्यश्री के नियंत्रण से संपत्तियों, हिसाब- किताब का नियंत्रण और कब्जा मांगा था।
इस पर राज्यश्री ने कोर्ट में कहा कि सिद्धि कुमारी मान रही है कि प्रॉपर्टीज का नियंत्रण व हिसाब किताब एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में उनके पास है, तो फिर सिद्धि कुमारी अवैध रूप से इन संपत्तियों को खुर्द-बुर्द करने का प्रयास कर रही है।
ऐसे में कोर्ट ने 22 अक्टूबर को कहा कि जब तक केस में फैसला नहीं होता, तब तक स्टे रहेगा। इस स्टे को राज्यश्री ने अपने पक्ष में माना है। इसके बाद राज्यश्री ने फिर से ट्रस्ट पर स्वयं के अधिकार का दावा किया हैं।
राज्यश्री का तर्क- आने की सूचना दी गई थी
राज्यश्री के निजी सचिव गोविंद सिंह ने कहा- एडीजे कोर्ट तीन ने राज्यश्री कुमारी के एडमिनिस्ट्रेटर होने और प्रॉपर्टीज पर कब्जा व हिसाब- किताब का नियंत्रण होने के तथ्य को सही मानते हुए राज्यश्री के प्रार्थना पत्र को स्वीकार किया है। साथ ही चल अचल संपत्तियों के संचालन के योग्य माना है।
इसी निर्णय के आधार पर राज्यश्री का स्टाफ जूनागढ़ पहुंचा था। उनके आने की सूचना पहले पहुंच गई। ऐसे में पुलिस ने राज्यश्री व उनके स्टाफ को अंदर जाने से रोक दिया था।
हालांकि राज्यश्री कुमारी का कहना है कि जूनागढ़ में उनके पुरखों की ओर से बनाए गए कई मंदिर है, जहां वसीयत के अनुसार आवाजाही पर किसी प्रकार की रोक नहीं हैं। वे इन्हीं मंदिरों में दर्शन करने पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें मुख्य गेट पर ही रोक दिया।
बोलीं- भाई की पुण्यतिथि पर बहन को रोका, हमें जस्टिस जरूर मिलेगा
राज्यश्री ने मीडिया से कहा- आज ही पूर्व महाराजा नरेंद्र सिंह की पुण्यतिथि है, लेकिन आज ही के दिन उनकी बहन को किले में बने मंदिर में प्रवेश करने से रोका जा रहा है, जो गलत है।
बीकानेर पूर्व से भाजपा विधायक और डॉ. करणी सिंह के पुत्र नरेंद्र सिंह की बेटी सिद्धि कुमारी पर डॉ. करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी ने पहले भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि सरकार और विधायकी के दबाव में मनमानी कर रही है। उन्होंने कानून व्यवस्था पर भरोसा जताया और कहा कि उन्हें जस्टिस जरूर मिलेगा। हालांकि सिद्धि कुमारी की ओर से अभी तक इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
इन ट्रस्टों के कारण विवाद
महाराजा करणी सिंह के समय और इसके बाद कुछ ट्रस्ट गठित किए गए। इनमें महाराजा गंगा सिंह ट्रस्ट, महाराजा राय सिंह ट्रस्ट, करणी सिंह फाउंडेशन, करणी चैरिटेबल ट्रस्ट और महारानी सुशीला कुमारी ट्रस्ट का गठन किया गया। इन पांचों ट्रस्ट को पहले करणी सिंह की बेटी राज्यश्री कुमारी ही देखती थीं। महाराजा करणी सिंह ने राज्यश्री को कुछ अधिकार दिए थे। इसके बाद अधिकांश ट्रस्ट में राज्यश्री ही सर्वेसर्वा रहीं।
किस ट्रस्ट के पास क्या?
वर्तमान में गंगा सिंह ट्रस्ट के अधीन लालगढ़ पैलेस और लक्ष्मी निवास पैलेस हैं। ये दोनों फाइव स्टार होटल के रूप में संचालित हो रहे हैं। लालगढ़ और लक्ष्मी निवास की मौजूदा कीमत अरबों रुपए में आंकी जा रही है। दोनों पैलेस एक ही परिसर में कई बीघा जमीन पर हैं। बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी लालगढ़ के ही एक हिस्से में रहती हैं। पहले पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी (पूर्व महाराजा करणी सिंह की पत्नी) भी लालगढ़ के इसी हिस्से में रहती थीं। उनके निधन के बाद से सिद्धि कुमारी यहां रहती हैं।
दूसरी तरफ, रायसिंह ट्रस्ट के अधीन जूनागढ़ है। यहां प्राचीना नाम से एक म्यूजियम है। इसका संचालन सिद्धि कुमारी करती हैं।

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