रामेश्वर डूडी के समर्थन में गले में तख्ती लटकाकर बैठक में पहुंचे राजेंद्र सिंह, कार्यकारिणी पर लगाए भेदभाव के आरोप - Khulasa Online रामेश्वर डूडी के समर्थन में गले में तख्ती लटकाकर बैठक में पहुंचे राजेंद्र सिंह, कार्यकारिणी पर लगाए भेदभाव के आरोप - Khulasa Online

रामेश्वर डूडी के समर्थन में गले में तख्ती लटकाकर बैठक में पहुंचे राजेंद्र सिंह, कार्यकारिणी पर लगाए भेदभाव के आरोप

जयपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की वार्षिक साधारण सभा की बैठक हंगामेदार रही। क्रष्ट्र अध्यक्ष वैभव गहलोत की अध्यक्षता में लंबे समय बाद हुई एजीएम की बैठक में नागौर जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र सिंह गले में अपने जिला क्रिकेट संघ की गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे।इस दौरान नान्दु ने क्रष्ट्र पर नागौर समेत अलवर और श्रीगंगानर से भेदभाव का ही आरोप लगाया।
बैठक में अब तक विवादित माने जाते रहे जिला संघ नागौर और जिला संघ श्रीगंगानगर के सचिव शामिल हुए। नागौर जिला संघ से राजेंद्र सिंह इस बैठक में सभी का ध्यान आकर्षित करने के लिए गले में तख्ती लटकाए पहुंचे। जिस पर उन्होंने नागौर जिला संघ का अध्यक्ष पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी को बताया। इस तख्ती को उतारने के लिए बैठक से पहले उन्हें कहा गया। लेकिन इस पर वह इनकार करते हुए नजर आए। उन्होंने खिलाडिय़ों के चयन को लेकर भी बैठक में अपना पक्ष रखा। इसके साथ ही तीन जिला संघ की बहाली के बाद भी उनके पदाधिकारियों को मीटिंग में शामिल नहीं करने और मीटिंग के मिनिट्स नहीं भेजने के भी आरोप लगाए।
नागौर जिला क्रिकेट संघ सचिव राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा की पिछले कुछ सालों से राजस्थान का क्रिकेट बिल्कुल पीछे चला गया है। लोकपाल की ओर से हमारे जिला संघों को बहाल कर दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद भी पिछले दिनों हुई सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता में नागौर जिले की जिला क्रिकेट संघ द्वारा सेलेक्ट की गई टीम को खेलने नहीं किया गया। क्रष्ट्र द्वारा नियुक्त लोगों द्वारा अपनी मनमर्जी से खिलाडिय़ों का सिलेक्शन किया और उनको प्रतियोगिता खेलने के लिए भेज दिया गया। इसके साथ ही पूरे राजस्थान क्रिकेट संघ में मेवाड़वाद चलाया जा रहा है। क्रष्ट्र सचिव फ़ोन तक नहीं उठाते हैं।
नागौर जिला क्रिकेट संघ सचिव द्वारा किए गए हंगामे के बाद वैभव गहलोत ने कहा कि राजस्थान की क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए सभी को साथ लेकर चला जा रहा है। ऐसे किसी भी विवाद की बात नहीं है। इन जिला संघों द्वारा अदालत के आदेशों की पालना नहीं कि जा रही है। हर जिले से निष्पक्ष टीमों का चयन किया गया था। सब से बैठकर फिर से बात की जाएगी और क्रिकेट को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।

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