राजस्थान की गहलोत सरकार अगले दो साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ाएगी - Khulasa Online राजस्थान की गहलोत सरकार अगले दो साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ाएगी - Khulasa Online

राजस्थान की गहलोत सरकार अगले दो साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ाएगी

जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार अगले दो साल तक बिजली की दरें नहीं बढ़ाएगी। जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और डिस्कॉम ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए टैरिफ तय करने और इन्वेस्टमेंट स्कीम की मंजूरी के लिए राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन में याचिका दायर की है। डिस्कॉम ने कमीशन से आग्रह किया है कि एफआरबीएम ( Fiscal Responsibility and Budget Management) सीमा की बढ़ोतरी योजना के हिस्से के तहत साल 2022-23 की 75 फीसदी हानियों को राज्य सरकार की ओर से लिया जाएगा। याचिका में साल 2022-23 में खुदरा उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक साल 2023-24 में भी टैरिफ नहीं बढ़ेगी। क्योंकि सरकार चुनाव मोड पर रहेगी। मुख्यमंत्री पहले ही टैरिफ नहीं बढ़ाने की बात कह चुके हैं।

टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को इंडस्ट्रियल रेट पर मिलेगी बिजली
डिस्कॉम ने याचिका में मौजूदा समय में अघरेलू कैटेगरी (कॉमर्शियल) में शामिल पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र (Tourism and Hospitality) के उपभोक्ताओं को इंडस्ट्रीयल कैटेगरी में क्लासिफाइड कर इंडस्ट्रियल रेट का बेनिफिट देने का भी प्रपोजल रखा है। इसका बड़ा फायदा टूरिज्म और आतिथ्य सत्कार से जुड़े बिजनेस करने वाले लोगों-सर्विस प्रोवाइडर्स को होगा। फिलहाल कॉमर्शियल बिजली की अधिकतम रेट 8.95 रुपए प्रति यूनिट है। जबकि इंडस्ट्री की अधिकतम रेट 7.30 रुपए प्रति यूनिट है। मीडियम इंडस्ट्री की 6.50 रुपए यूनिट और स्मॉल इंडस्ट्री की बिजली रेट 6 रुपए प्रति यूनिट है। यानी कम से कम 1.65 रुपए प्रति यूनिट का फायदा होना तय है। मुख्यमंत्री ने बजट में इसकी घोषणा की थी। इसके साथ ही डिस्कॉम ने इन्वेस्टमेंट स्कीम भी प्रपोज की है। जिसमें उप प्रसारण और वितरण पर 491 करोड़ रुपए, ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य पर 1440 करोड़ रुपए, फीडर को अलग करने के लिए 50 करोड़ रुपए, स्मार्ट मीटरिंग पर 16 करोड़ रुपए, वितरण क्षेत्र पुनरोत्थान योजना पर 995 करोड़ रुपए, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना न्यू पर 20 करोड़ रुपए समेत कुल 3279 करोड़ का प्रपोजल हैं। स्मार्ट मीटरिंग के लिए अलग से 105 करोड़ रुपए का खर्चा निवेश योजना में शामिल नहीं किया गया है। इसे कुल खर्चे में शामिल किया जाएगा।

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