
राजस्थान में चक्रवात का असर, कई जिलों में बारिश, एक और नया वेदर सिस्टम आने की संभावना




राजस्थान में चक्रवात का असर, कई जिलों में बारिश, एक और नया वेदर सिस्टम आने की संभावना
चक्रवात के प्रभाव के चलते राजस्थान में गुरुवार को भी हल्की बरसात हुई। सबसे ज्यादा असर जयपुर सहित 15 जिलों में रहा। लगातार बरसात के कारण तापमान गिरने से ठंड भी बढ़ गई है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 31 अक्टूबर को राज्य में आंशिक तौर पर चक्रवात का असर रहेगा। कुछ स्थानों पर आसमान में बादल छाने की संभावना है। वहीं 3 नवंबर को एक और नया वेदर सिस्टम आने की संभावना है, जिसके प्रभाव से उदयपुर, अजमेर, कोटा संभाग के जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। पिछले 24 घंटे के दौरान अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जयपुर, जैसलमेर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ समेत अन्य जिलों में घने बादल छाए रहे। दिनभर हल्की बारिश, बूंदाबांदी का दौर चला। जैसलमेर में बादल छाने और हल्की बारिश से यहां दिन के तापमान में 8 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हुई। गुरुवार को सबसे ठंडा उदयपुर में रहा, जहां का अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम केन्द्र जयपुर ने राजस्थान में अगले दो सप्ताह का पूर्वानुमान जारी किया है। इसमें अगले सप्ताह 3 नवंबर से फिर बारिश होने की संभावना है। जबकि अगले सप्ताह में बारिश का दौर कम हो जाएगा। वहीं तापमान की बात करें तो दोनों सप्ताह में दिन का अधिकतम तापमान औसत से 1 से 2 डिग्री नीचे और न्यूनतम तापमान भी औसत से नीचे दर्ज होने यानी ठंडक ज्यादा होने की संभावना जताई है।
बीकानेर में 3 को बूंदाबांदी के आसार, बढ़ेगी ठंडक
मौसम का मिजाज गुरुवार को अचानक बदल गया। पूरे दिन धूप नहीं निकली। दिनभर धुंध सी छाई रही। यूं लगा मानो कोहरा है लेकिन कोहरा नहीं था। कुछ लोगों ने इस धुंध को पंजाब-हरियाणा में जलाई जलाने वाली पराली का धुआं भी समझा। हालांकि ये समय भी पराली जलाने का है मगर बीकानेर के आसपास धान की खेती नहीं होती इसलिए ये धुआं तो नहीं है। मौसम विभाग का कहना है कि ये मिजाजुला असर है। कुछ बादलों का असर है। कुछ प्रदूषण का भी हो सकता है। मगर दिन में धूप न निकलने के कारण दिन का पारा 30 डिग्री के करीब आ गया। अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री रिकार्ड किया गया। हालांकि रात का पारा अभी भी सामान्य से 2 डिग्री ज्यादा है। मगर दिन का पारा सामान्य से 4 डिग्री कम है। इसीलिए दिन रात के पारे में इतना अंतर कम रह गया। इस बीच पश्चिमी विक्षोभ के कारण 3 नवंबर को बारिश की संभावना भी जताई जा रही है। इसकी वजह विक्षोभ माना जा रहा है। ऐसा हुआ तो वातावरण में छाई धुंध छंट जाएगी और सीजन की पहली मावठ भी गिनी जाएगी।




