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बीकानेर: सर्द हवाओं ने थामा रोडवेज का पहिया, इतने फीसदी तक गिरा यात्रीभार और राजस्व

बीकानेर: सर्द हवाओं ने थामा रोडवेज का पहिया, इतने फीसदी तक गिरा यात्रीभार और राजस्व

बीकानेर। सर्दी का असर बढ़ने के साथ ही रोडवेज बसों में यात्रीभार कम होने लगा है। यात्रीभार कम होने की सबसे बड़ी वजह सर्दी और बसों की खस्ता हालत मानी जा रही है। बसों के शीशे पूरी तरह से बंद नहीं होते हैं। कई बसों का तो फर्श ही टूटा हुआ है, जिससे ठंडी हवाएं सीधे अंदर आ रही हैं। ऐसे में यात्रियोंका सर्दी में सफर करना मुश्किल हो रहा है। सप्ताहभर पहले तक मलमास के कारण यात्रीभार कम था। अब शादी-विवाह व अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के चलते धीरे-धीरे यात्री भार बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल सर्दी ने रोडवेज बसों में यात्रीभार को ब्रेक लगा दिए हैं। हालात यह हैं कि कई बसों में 50 फीसदी सीटें खाली जा रही हैं। अब रात को कड़ाके की ठंड पड़ने, खेती-बाड़ी का सीजन होने व मांगलिक कार्यक्रमों पर मलमास के कारण यात्रीभार कम है। सर्दी व बसों की खस्ता हालत के साथ-साथ निजी बसों की भरमार से यात्रियों का टोटा हो गया है। निजी बसें रोडवेज की टाइमिंग के साथ टकरा रही हैं। ऐसे में निजी बस संचालक रोडवेज बसों में सवारियां बैठाने पर विवाद करते हैं। श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ रूट पर अक्सर निजी बस संचालक और रोडवेज बस चालकों-परिचालकों में सवारियों को लेकर विवाद होता है। वर्तमान में बीकानेर आगार में 10 से 15 फीसदी यात्रीभार में कमी आ गई है। सूत्रों की मानें तो शादी-विवाह, अन्य मांगलिक कार्यक्रमों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण ही रोडवेज को जीवनदान मिल रहा है। दूसरी ओर राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम जयपुर मुख्यालय की ओर से प्रदेश के सभी आगार प्रबंधकों को राजस्व बढ़ाने एवं लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। बीकानेर आगार में सर्दी से पहले 16 लाख इनकम आ रही थी। अब सर्दी में 13 साढ़े 13 लाख रुपए इनकम आ रही है। रोजाना एक लाख से डेढ़ रुपए की आय कम हो रही है। हालांकि रोडवेज की ओर से रूटों में कोई कमी नहीं की गई। सभी पूर्व निर्धारित रूटों पर बसें नियमित चल रही हैं।

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