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राजस्थान के 91 निकायों को भंग करने पर फंसा पेच, अब कैसा होगा एक साथ चुनाव

राजस्थान के 91 निकायों को भंग करने पर फंसा पेच, अब कैसा होगा एक साथ चुनाव
जयपुर। भजनलाल सरकार राजस्थान के सभी 305 नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ इसी वर्ष कराने की तैयारी कर रही है, लेकिन बड़ी बाधा उन 91 निकायों की रहेगी जिनके बोर्ड का कार्यकाल अगले वर्ष जनवरी और फरवरी में पूरा होगा। ऐसे में बोर्ड भंग करना आसान नहीं है। माना जा रहा है कि ऐसा कदम उठाने में कानूनी अड़चनों के साथ राजनीतिक विरोध की आशंका भी रहेगी। नगर पालिका एक्ट के तहत केवल 2 ही स्थिति में बोर्ड भंग किया जा सकता है। यदि नगरपालिका अपने कर्तव्यों की पालना में विफल रहे या उसके सदस्यों की संख्या दो तिहाई से कम हो जाए। इसके लिए भी सरकार को पहले नोटिस देकर सुनवाई करनी होगी। इन 91 निकायों में फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है। गौरतलब है कि स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा कह चुके हैं कि सभी निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। पूर्व विधि परामर्शी और नगरपालिका एक्ट के जानकार अशोक सिंह का कहना है कि एक्ट की धारा 322 में कुछ स्थितियों में ही सरकार को बोर्ड भंग करने का अधिकार है। धारा 7 में नगर पलिकाओं का कार्यकाल पांच साल नियत किया गया है।

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