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राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, अब नहीं लेनी होगी विभागीय एनओसी

राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, अब नहीं लेनी होगी विभागीय एनओसी
जयपुर। राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए अब प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। आयोजन विभाग की ओर से जारी ताज़ा आदेश के अनुसार विभागीय नियंत्रण में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारी अब संघ लोक सेवा आयोग, राजस्थान लोक सेवा आयोग और अन्य केन्द्रीय व राज्य स्तर की परीक्षाओं में बिना पूर्व अनुमति या एनओसी के समिलित हो सकेंगे।
राजस्थान सरकार के इस निर्णय का फायदा उन कर्मचारियों को मिलेगा, जो नौकरी के साथ उच्च पदों या अन्य सेवाओं में जाने की तैयारी कर रहे हैं। अब तक ऐसे कर्मचारियों को परीक्षा में बैठने से पहले अपने प्रशासनिक विभाग या नियंत्रण अधिकारी से लिखित एनओसी लेना आवश्यक होता था। कई बार अनुमति न मिलने के कारण वे परीक्षाओं से वंचित रह जाते थे।
यह होगी नई व्यवस्था
यदि कोई कर्मचारी प्रतियोगी परीक्षा में सफल होकर किसी नई सेवा या पद पर चयनित होता है तो उस स्थिति में उसे अपने वर्तमान विभाग से नियमानुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर ही कार्यमुक्त होना होगा। यानि परीक्षा में बैठने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं, लेकिन नई नियुक्ति स्वीकार करने से पहले विभागीय औपचारिकता पूरी करनी होगी।
विभाग ने स्पष्ट किया कि इस कदम का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को बेहतर अवसरों की ओर बढऩे में अनावश्यक अड़चनें दूर करना है। कई बार अधिकारी-कर्मचारी परीक्षा में शामिल होने के लिए अनुमति प्रक्रिया में उलझ जाते थे, जिससे उनका भविष्य प्रभावित होता था। अब यह बाधा समाप्त हो जाएगी। राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब वे न केवल यूपीएससी और आरपीएससी जैसी बड़ी परीक्षाओं में सहज रूप से शामिल हो सकेंगे, बल्कि उच्च अध्ययन और शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए भी आवेदन कर पाएंगे।
एनओसी की बाध्यता समाप्त, नया आदेश फायदेमंद
नए आदेश का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों पर से अनावश्यक प्रशासनिक बोझ हटाना है। अक्सर यह शिकायतें रहती थीं कि कर्मचारियों को एनओसी के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसलिए अब परीक्षा में बैठने के लिए एनओसी की बाध्यता समाप्त कर दी है। यदि कोई कर्मचारी चयनित होता है, तब विभाग उसकी रिलीविंग प्रक्रिया नियमानुसार करेगा। इससे पारदर्शिता और कार्यसुविधा दोनों बढ़ेंगी।

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