
तय समय से 2 माह आगे खिसक सकती हैं राजस्थान बोर्ड की परीक्षा






अजमेर। कोरोना महामारी कोविड़ 19 ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूरे परीक्षा कार्यक्रम को अस्त व्यस्त कर दिया है. मार्च के महीने में लागू हुये लॉकडाउन (रुशष्द्मस्रश2ठ्ठ) के चलते बोर्ड को अपनी परीक्षाएं ढाई महीने स्थगित करनी पड़ी थी. फिर जून के आखिरी सप्ताह में इसे पूरा किया गया. इसके चलते परिणाम निकालने में भी देरी हुई. इसका असर अब आगामी परीक्षाओं पर भी पड़ेगा. बोर्ड के तमाम प्रयासों के बावजूद अब अगले वर्ष- 2021 में होने वाली परीक्षायें भी तय समय पर नहीं हो पायेंगी. उनका भी करीब-करीब 2 महीने आगे खिसकना तय सा है. पाठ्यक्रम को छोटा करने की हो रही है कसरत हालांकि बोर्ड अध्यक्ष प्रो. डीपी जारोली की अगुवाई में बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन रात एक करके इस वर्ष एक महीने के अंदर सभी नतीजे जारी कर व्यवस्था को कुछ हद तक पटरी पर लाने की कोशिश की थी. लेकिन कोरोना अभी खत्म नही हुआ है. लिहाजा उसका प्रभाव आगे भी पड़ेगा. इस बार नए शिक्षण सत्र में शुरुआत से ही नियमित कक्षाएं नहीं लगने के कारण राजस्थान बोर्ड भी अब सीबीएसई की तर्ज पर अपने पाठ्यक्रम को छोटा करने की कसरत कर रहा है. कमेटी जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी सरकार के आदेश पर कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष और बोर्ड अध्यक्ष प्रो डीपी जारोली ने बताया कि कमेटी इसी महीने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. इसमें पाठ्यक्रम को कितना छोटा किया जाए उससे जुड़ी सिफारिश होंगी. ऐसे में यह बहुत साफ हो जाता है कि मौजूदा पाठ्यक्रम में से कुछ हिस्सा कम किया जाएगा. इसका असर बोर्ड की परीक्षाओं पर भी देखने को मिलेगा. अभी तक तो विद्यार्थी मौजूदा पाठ्यक्रम को पूरा पढ़ रहा है. सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा कि परीक्षाएं कितनी आगे खिसकाई जाए बोर्ड अध्यक्ष प्रो. जारोली भी इस बात से इनकार नहीं करते कि विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई में कई व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में स्कूलें कब खुलेंगी यह भी अभी तय नहीं है. इन सब कारणों को देखते हुए बहुत मुमकिन है बोर्ड अपनी वर्ष- 2021 की परीक्षाओं को दो महीने आगे खिसका दे. इससे विद्यर्थियो को तैयारी का अतिरिक्त समय मिल जाएगा. बोर्ड अध्यक्ष प्रो जारोली का कहना है कि पाठ्यक्रम समीक्षा समिति की रिपोर्ट के बाद सरकार के फैसले पर निर्भर करेगा कि परीक्षाएं कितनी आगे खिसकाई जाए.


