
विधेयकों की लगेगी झड़ी, पेश होंगे ये 6 बिल; एक संशोधित आएगा





विधेयकों की लगेगी झड़ी, पेश होंगे ये 6 बिल; एक संशोधित आएगा
जयपुर। राजस्थान विधानसभा के आज से होने वाले सत्र में प्रवर समिति के पास लंबित तीन विधेयक आएंगे, वहीं कैबिनेट से हाल ही मंजूर तीन नए विधेयक भी इसी सत्र में आएंगे। पिछले सत्र में पेश राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 को वापस लेकर इसे कुछ संशोधन के साथ नए सिरे से पेश किया जाएगा। संशोधित विधेयक को रविवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इससे विधानसभा सत्र के लिए प्रस्तावित विधेयकों की संख्या सात हो गई। पिछले सत्र में कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसने, भूजल संरक्षण के लिए प्राधिकरण बनाने और भू-राजस्व कानून में संशोधन सम्बन्धी विधेयकों को प्रवर समिति के पास भेजा गया, जिनमें से भूजल संरक्षण सम्बन्धी विधेयक प्रवर समिति के पास दूसरी बार भेजा गया। उधर, रिम्स स्थापना, महिलाओं को कारखाने में रात की पारी में बुलाने की छूट और मत्स्य सम्बन्धी अपराधों में जुर्माना बढ़ाने के लिए नए विधेयकों को आने वाले सत्र में पेश करने की तैयारी है।
तीन विधेयक जो प्रवर समिति के पास
1. राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण और विनियमन) विधेयक, 2025: राज्य के कोचिंग सेंटरों के पंजीयन, नियंत्रण, रेग्युलेट करने और उनके पंजीयन के लिए न्यूनतम मानक तय विद्यार्थियों के हित सुरक्षित करने के लिए यह विधेयक लाया जा रहा है। इसमें विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैरियर मार्गदर्शन और मनोवैज्ञानिक परामर्श, कोचिंग विद्यार्थियों की सुरक्षा और उनमें तनाव कम करने के लिए किए जाने वाले प्रावधान भी शामिल होंगे।
2.राजस्थान भूजल (संरक्षण एवं प्रबंध) प्राधिकरण विधेयक 2025: भूजल संरक्षण के लिए मुख्य सचिव या अन्य उच्च अधिकारी की अध्यक्षता में प्राधिकरण बनाया जाएगा। यह भूजल प्रबंधन का कार्य करेगा। अवहेलना पर दंडित करने का अधिकार भी होगा। यह विधेयक पिछले साल भी प्रवर समिति को सौंपा गया था, जिसकी रिपोर्ट बजट सत्र में पेश की गई। चर्चा के दौरान सदन ने विधेयक पुनः प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की।
3.भू राजस्व (संशोधन एवं विधिमान्यकरण) विधेयक 2025: प्रदेश के करीब 35 औद्योगिक क्षेत्रों को वैध करने और रीको को उसका मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके पारित होने पर रीको को हस्तांतरित किए गए औद्योगिक क्षेत्र की जमीनों के भूपरिवर्तन, ट्रांसफर एवं विभाजन की शक्तियां मिल जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन क्षेत्रों में लीज, उपविभाजन, पुनर्गठन सहित रीको के अन्य आदेश अवैध हो गए। रीको को पुनः यह अधिकार देने से पुराने काम नियमित हो जाएंगे।
ये तीन विधेयक नए
1.रिम्स स्थापनाः रिम्स स्थापना सम्बन्धी विधेयक लाया जाएगा। इसमें राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएवएस) से जुड़े अस्पताल को राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) जयपुर के रूप में विकसित किया जाएगा। एम्स नई दिल्ली की तर्ज पर यह संस्थान राज्य का पीजी स्तर का चिकित्सा संस्थान होगा। इसके माध्यम से सुपर स्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम मिलेगा। चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान और रोगी देखभाल के क्षेत्र में प्रगति होगी। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित राज्य कैंसर संस्थान भी रिम्स में शामिल होगा। मुख्य सचिव रिम्स के अध्यक्ष होंगे। निदेशक की नियुक्ति होगी।
2. मत्स्य अपराध पर 25 हजार तक जुर्माना: राजस्थान मत्स्य अधिनियम, 1953 में संशोधन कर राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक-2025 आएगा। इसमें मत्स्य अपराधों के लिए जुर्माना राशि बढ़ाई जाएगी। पहले अपराध पर 25 हजार और फिर से अपराध पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना प्रस्तावित किया है।
3. महिलाओं को नाइट शिफ्ट की अनुमति: कारखाना अधिनियम 1948 केन्दीय अधिनियम में संशोधन कर कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक-2025 आएगा। इसमें श्रमिकों के साप्ताहिक कार्य समय 48 घंटों में उनकी दैनिक कार्य अवधि अधिकतम 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे की जाएगी। ऐसे ही विश्राम से पूर्व कार्य की अधिकतम अवधि 5 घंटे से बढ़ाकर 6 घंटे की जाएगी। साथ कार्यस्थल पर अधिकतम समय सीमा साढ़े दस घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे होगी। तिमाही में ओवरटाइम की अधिकतम सीमा 144 घंटे की पाएगी। इन कार्यों के लिए श्रमिक की सहमति आवश्यक होगी। महिला श्रमिकों को रात्रि कालीन पारी सायं 7 बजे के बाद एवं 6 बजे से पूर्व कार्य करने की अनुमति दी जा सकेगी।

