
बीकानेर पूर्व: किसी के पास संगठन का साथ नहीं तो कोई पहली बार चुनाव मैदान में






बीकानेर पूर्व: किसी के पास संगठन का साथ नहीं तो कोई पहली बार चुनाव मैदान में
बीकानेर। राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर प्रत्याशी अपने समर्थन को लेकर हर तरह के दांव पेंच चल रहे है। बात बीकानेर पूर्व विधानसभा चुनाव की करें तो यहां भी कुछ ऐसा ही है। इनमे कुछ ने अपनों का समर्थन ले लिया तो कुछ अंतिम दिन तक भी अपनों को साथ लाने में कामयाब नहीं हो सके। बीकानेर पूर्व से भाजपा से प्रत्याशी सिद्धि कुमारी, कांग्रेस से यशपाल गहलोत, आरएलपी से मनोज बिश्नोई तो निर्दलीय के तौर पर भगवान सिंह हाड़ला और मोहर सिंह यादव चुनावी मैदान में है। सिद्धि कुमारी की बात करें तो उनकी सबसे बड़ी ताकत वह लगातार तीन बार यहां से विधायक है, लेकिन कमजोरी की बात करें तो संगठन के किसी बड़े नेता का साथ नहीं मिल सका। प्रचार के दौरान भी बड़े नेता कम ही साथ नजर आए। वहीं यशपाल गहलोत की बात करें तो उनकी सबसे बड़ी ताकत संगठन ही रहा। खुद जिलाध्यक्ष होने के चलते उनको पार्टी नेताओं का पूरा समर्थन भी मिला साथ ही प्रचार के दौरान युवाओं ने यशपाल का बढ़-चढ़कर साथ दिया। इसके अलावा मूल ओबीसी और अपने समाज पर भी उनकी अच्छी पकड़ भी है। कमजोरी की बात करें तो वह खुद बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से आते है लेकिन चुनाव पूर्व से लड़ रहे है। इन दोनों ही प्रत्याशियों के अलावा बीकानेर पूर्व में आरएलपी ने मुकाबला त्रिकोणीय बना रखा है। मनोज बिश्नोई लगातार प्रचार में जुटे रहे। इनकी ताकत की बात करें तो इनकी अपने क्षेत्र में अच्छी पकड़ है साथ ही मुद्दों को उठाने में भी अपनी बेबाक छवि के लिए जाने जाते है। युवाओं में भी अच्छी पकड़ है। लेकिन कमजोरी की बात करें तो इनके खुद के समाज के वोट कम है।


