बीकानेर की सात विधानसभा सीटों पर किसके हाथ लगेगी कितनी सीट, पढ़ें यह खबर

बीकानेर की सात विधानसभा सीटों पर किसके हाथ लगेगी कितनी सीट, पढ़ें यह खबर

बीकानेर की सात विधानसभा सीटों पर किसके हाथ लगेगी कितनी सीट, पढ़ें यह खबर

बीकानेर की सात विधानसभा में जो सर्वें सामने आया है उसमें बीजेपी को तीन सीट कोलायत, खाजूवाला और बीकानेर पूर्व मिलने का अनुमान है। हम बात करें पश्चिम की तो यहां से डॉ बीडी कल्ला अपनी सीट निकालने में कामयाब रह सकते है, हालांकि मुकाबला बहुत ही नजदीकी होगा। अगर सट्टे बाजार की बात करें तो यहां पर जेठानंद व्यास भारी नजर आ रहे हैं लेकिन अंतिम क्षणों में बीडी कल्ला गेम चेंज करने में कामयाब रह सकते है। अब बात करें नोखा विधानसभा की तो यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा था लेकिन कहीं ना कहीं यहां पर रामेश्वर डूडी की पत्नी सुशीला डूडी चुनाव जीतती हुई नजर रही थी, लेकिन अंतिम क्षणों में कुछ ऐसे मुद्दे हुए जिससे बिहारी बिश्नोई अपनी पोजीशन को थर्ड से फर्स्ट लाने में कहीं ना कहीं कामयाब होते नजर आ रहे हैं। क्योंकि शहरी वोटो का धुर्वीकरण अपने पक्ष में करवाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि यहां पर भी मुकाबला बहुत रोमांचक है लेकिन फिलहाल यहां भाजपा पर भारी नजर आ रही है।अब बात करें हम श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा की तो यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय था और कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा था कि इस बार लोग कांग्रेस पर भरोसा जताएंगे, लेकिन कांग्रेस टिकट मिलने के बाद एक बार भी कम बैक नहीं कर पाई और इसका लगातार फायदा भाजपा उठाती रही। यहां पर बीजेपी बहुत मजबूत नजर आ रही है क्योंकि पिछली बार यहां भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी लेकिन इस बार वह फाइट में है। लेकिन मुकाबला कहीं ना कहीं गिरधारी महिया जीत सकते है। ताराचंद सारस्वत अगर यहां थोड़ी भी मेहनत करके अपनों को मनाने में कामयाब हो जाते हैं तो शायद जीत उनके खाते में हो सकती थी। लूणकरणसर विधानसभा की सबसे रोचक और सबसे ज्यादा सस्पेंस वाली सीट यहां पर मुकाबला चतुष्कोणीय बताया जा रहा है। लेकिन मुकाबला त्रिकोणी नहीं है क्योंकि वीरेंद्र बेनीवाल इस पूरे चुनाव में कहानी दमखम के साथ नजर नहीं आए। एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि वह भी इस चुनाव मैदान में है। भाजपा-कांग्रेस और प्रभु दयाल सारस्वत निर्दलीय प्रत्याशी है। बाजार में जो हवा है वह एक लहर से चल पड़ी है की दादा जीत गया। लेकिन पिछली बार जीतने वोट प्रभु दयाल ने लिए उनसे डबल से ज्यादा क्रॉस नहीं कर पाएंगे। अब बात करें यहां पर भाजपा और कांग्रेस की यहां पर जाट जाति का सबसे बड़ा दबदबा है अब बात आती है तीन जाट चुनाव लड़ रहे हैं तो कहीं ना कहीं वोटो का धुर्वीकरण हुआ है। वोट कहीं ना कहीं तीन जगह पड़े हैं लेकिन शायद इन वोटो का ध्रुवीकरण नहीं हो पाया और एक साइलेंट प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र मूंड बाजी मारते नजर आएंगे। क्योंकि कहीं ना कहीं वहां की जनता को चुनाव करना था एक ऐसे प्रत्याशी का जो पार्टी से है। हालांकि यह एक आकलन है, कोशिश की गई है की वोटो के दिल की बात जानी जाए अब वह समय भी नहीं रहा जब वाटर खुल के सामने आ जाते थे। अब कुछ कह पाना इतना आसान नहीं है कोई सर्वे साफ होता नजर नहीं आ रहा लेकिन यहां पर खुलासा की टीम ने जो सर्वे किया उसमें कोलायत से अंशुमान सिंह भाटी, खाजूवाला से विश्वनाथ मेघवाल, पूर्व से सिद्धि कुमारी तो पश्चिम से बीडी कल्ला, नोखा से बिहारी बिश्नोई, श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारी महिया तथा लूणकरणसर से राजेंद्र मूंड बाजी मार सकते हैं। हालांकि यह तो 3 तारीख को खुलने वाली ईवीएम से ही पता चलेगा की कौन कहां सेंधमारी करने में कामयाब रहा और किसके साथ जीत का सहारा बनेगा।

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