उम्मीदवारों की घोषणा से पहले भाजपा का कमजोर सीटों पर फोकस, पिछले कुछ महीनों में इतने नेता-ब्यूरोक्रेट्स को जोड़ा - Khulasa Online उम्मीदवारों की घोषणा से पहले भाजपा का कमजोर सीटों पर फोकस, पिछले कुछ महीनों में इतने नेता-ब्यूरोक्रेट्स को जोड़ा - Khulasa Online

उम्मीदवारों की घोषणा से पहले भाजपा का कमजोर सीटों पर फोकस, पिछले कुछ महीनों में इतने नेता-ब्यूरोक्रेट्स को जोड़ा

जयपुर। टिकट घोषणा से पहले भाजपा उन कमजाेर सीटों की रिपेयरिंग करने में जुटी है, जहां पिछले चुनाव में वोट शेयरिंग के लिहाज से कांग्रेस के मुकाबले उसकी हालत कमजाेर थी। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश इकाई को जाति-समुदायों को साधने पर पूरा जोर लगाने के लिए कहा है ताकि ‘डी’ और ‘सी’ कैटेगरी की सीटों पर चुनाव का परिणाम पार्टी के पक्ष में किया जा सके। डी कैटेगरी में 19 सीटें शामिल हैं, जहां भाजपा पिछले तीन चुनाव से लगातार हार रही है जबकि सी कैटेगरी में दो बार हारी हुईं 76 सीटें शामिल हैं। इनमें पूर्वी राजस्थान, शेखावाटी और मारवाड़ क्षेत्र की सीटें ज्यादा हैं। यही कारण है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, पार्टी का पूरा जोर विरोधी दलों में सेंध लगाकर उनके नेताओं को तोड़ने और सामाजिक हैसियत रखने वाले रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स व सामाजिक नेताओं को खुद के पक्ष में करने पर हो गया है। खासकर एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। बीते तीन माह में अलग-अलग वर्ग के प्रभावशाली नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स और सामाजिक संगठनों के करीब 75 प्रमुख लोगों को भाजपा ने पार्टी में शामिल किया है। वहीं आने वाले दिनों में 40 से ज्यादा प्रमुख नेताओं और रिटायर्ड अफसरों को पार्टी से जोड़ने पर अंदरखाने काम चल रहा है। भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले छह माह में सत्ताधारी कांग्रेस ने जिस गति से वोटर कनेक्ट पॉलिसी पर काम करते हुए सरकारी योजनाएं जनता के बीच पहुंचाने पर फोकस किया है, उसको देखते हुए पार्टी को अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। राजस्थान में इस बार के चुनाव में पार्टी जीत को आसान मानकर नहीं चल रही। यही वजह है कि सिर्फ कांग्रेस की एंटीइंकबेंसी के भरोसे न रहकर पार्टी को राजस्थान जीतने के लिए वोट स्विंग कराने की रणनीति पर पूरी ताकत लगानी पड़ रही है। बदली हुई रणनीति के तहत कांग्रेस से तोड़कर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया से लेकर पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के पुत्र ओम प्रकाश पहाड़िया को भाजपा जॉइन कराना इसी रणनीति का हिस्सा है।
error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26