
युवाओं और उद्यमियों को साधने इस तारीख को बीकानेर आएंगे मुख्यमंत्री गहलोत






बीकानेर। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 27 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में विजन 2030 की बैठकें करेंगे। इसी कड़ी में उद्यमियों और युवाओं को साधने के लिए 29 सितम्बर को मुख्यमंत्री गहलोत बीकानेर आएंगे। यहां एमएम ग्राउंड और लक्ष्मी हेरिटेज में दो कार्यक्रम रखे गए हैं, जिनकी तैयारियां प्रशासन और पार्टी दोनों ने शुरू कर दी है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री गहलोत 29 सितम्बर को श्रीगंगानगर में दोपहर 12.30 बजे रामलीला मैदान में उद्यमियों के साथ विजन 2030 पर विचार विमर्श करेंगे। इसके बाद श्रीगंगानगर में ही दोपहर 3.30 बजे एक कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। इसके बाद हेलीकॉप्टर से श्रीगंगानगर से बीकानेर आएंगे। यहां शाम 5 बजे एमएम ग्राउंड में नमकीन, भुजिया, पापड़ और अचार उद्योग संचालकों और उनसे जुड़े कामगारों से विजन 2030 पर संवाद करेंगे। इसके बाद शाम 6.30 बजे लक्ष्मी हेरिटेज में युवाओं के साथ टाउनहॉल मीटिंग रखी गई है। इसमें मुख्यमंत्री युवाओं से बातचीत कर उनकी भावना जानेंगे और साधने का प्रयास करेंगे। इसके बाद रात्रि विश्राम बीकानेर में ही करेंगे। अगले दिन 30 सितम्बर को सुबह टिकट दावेदारों से मुलाकात करेंगे और दोपहर 12 बजे हेलीकॉप्टर से नागौर के लिए प्रस्थान करेंगे। माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री गहलोत बॉर्डर का दौरा कर खाजूवाला भी जाएंगे। इसी के साथ राजस्थान सरकार के मंत्री गोविन्दराम मेघवाल की ओर से खाजूवाला तहसील को बीकानेर जिले में ही रखने और डी नोटिफाइड करने के किए वादे को पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री गहलोत के जारी अधिकारिक कार्यक्रम में बॉर्डर और खाजूवाला दौरा शामिल नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री 7 अक्टूबर तक विजन 2030 की बैठकों के आयोजन में प्रदेशभर के दौरे पर रहेंगे। इसके बाद आचार संहिता लगने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे में अब खाजूवाला को वापस बीकानेर में शामिल करने की घोषणा खोखली साबित होती दिख रही है।अभी आचार संहिता की घोषणा नहीं हुई है। लेकिन माना जा रहा है कि 27 सितम्बर से मुख्यमंत्री गहलोत पूरी तरह चुनावी मोड में काम शुरू कर देंगे। यही वजह है कि बीकानेर दौरे के दौरान भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग आदि का कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया है। प्रशासन भी अब चुनाव कार्य में जुट चुका है। ऐसे में कभी भी आचार संहिता की घोषणा के चलते राजनीतिक गतिविधियों से यथासंभव दूरी बनाकर अपने कार्यों को अंजाम दे रहा है।


