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राजस्थान में बंपर वोटिंग से बड़ा संकेत, कौन जीतेगा, कौन हारेगा?

राजस्थान में बंपर वोटिंग से बड़ा संकेत, कौन जीतेगा, कौन हारेगा?

जयपुर। राजस्थान की 199 विधानसभा सीटों पर शनिवार को हुए चुनाव में 75.45 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी 199 सीटों पर चुनाव हुआ था। उस समय राज्य में 74.06 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 2013 में 75.04 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। 2008 में 66.25 प्रतिशत, 2003 में 67.18 और 1998 में 63.39 प्रतिशत वोट पड़े थे। अब कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ईवीएम मशीनों को संग्रहण केन्द्रों में रखा गया है। मतगणना तीन दिसंबर को मतगणना होगी, उसी दिन चुनाव परिणाम घोषित होगा। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के बाद अब सबकी निगाहें चुनाव परिणामों पर है। 3 दिसंबर को साफ हो जाएगा कि राजस्थान में ऊंट किस करवट बैठता है। कांग्रेस का लक्ष्य सत्तारूढ़ पार्टी को हर पांच साल में सत्ता से बाहर करने के रिवाज को खत्म करना है, जबकि भाजपा अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में वापसी करना चाहती है। 2023 के विधानसभा चुनाव में श्रीगंगानगर जिले के करणपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी एवं विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण करणपुर सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था। राजस्थान विधानसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनियां, स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल, शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला सहित गहलोत सरकार के कई मंत्री, भाजपा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा एवं देवजी पटेल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, रालोपा के संयोजक एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल का चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो गया। इसी तरह भाजपा एवं कांग्रेस के कई विधायकों सहित इस चुनाव में हिस्सा लेने सभी उम्मीदवारों का चुनावी भाग्य ईवीएम में बंद हो गया जो तीन दिसंबर मतगणना के दिन खुलेगा।

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