
बारिश से तरबतर हुआ शहर, देखे वीडियों





बीकानेर।बीकानेर की सड़कों पर हर बार जून के पहले सप्ताह की दोपहर में बाहर निकलना दूभर हो जाता है। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है और सड़कों पर आग बरस रही होती है। इसके विपरीत शनिवार को बादल से तपिश के बजाय राहत की बारिश हो रही थी। बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ काफी देर हुई बारिश ने तापमान को गिरा दिया। जेठ के महीने में इस बार सावन सा माहौल है। श्रीडूंगरढ़ सहित कुछ क्षेत्रों में तो बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई है। मोतियों जैसे छोटे छोटे बर्फ के टुकड़ों से अब इस कस्बे में सर्द हवाओं का अहसास हो रहा है। करीब साढ़े चार बजे बीकानेर शहर में भी ओले गिरे।सुबह से ही बादलों का आना-जाना शुरू हो गया था। दोपहर तीन बजे तक बादलों ने शहर के ऊपर डेरा डाला और थोड़ी देर बाद बरसना शुरू कर दिया। शुरुआती रिमझिम के बाद एक बार तो शांति हो गई लेकिन वापस घूमकर आए बादलों ने जमकर बारिश की। करीब दस मिनट तक हुई बारिश के बाद मौसम ठंडा हो गया है। सड़कों पर पानी ही पानी नजर आ रहा है।
पेड़ पौधों को जीवनदान
शहरी क्षेत्र में नहर बंदी के कारण अर्से से पानी का संकट था, ऐसे में पार्क में लगी दूब जलने के कगार पर थी। शनिवार की बारिश ने पार्कों में लगे पौधों को जीवन दान दिया है। खासकर दूब को बचाने में अब आसानी होगी। उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में हुई बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी है। अधिकांश किसान अच्छा मौसम देखकर बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। बीकानेर में अधिकांश हिस्सा बारानी है, यानी यहां सिर्फ बारिश के कारण ही फसल होती है।
मई जैसा होगा जून
पश्चिमी विक्षोभ और ताउते के कारण मई में काफी राहत मिली थी। ऐसे में अब जून में भी पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखने लगा है। अगले एक सप्ताह तक पश्चिमी विक्षोभ के कारण एक-दो बार बारिश हो जाती है तो मानसून आने तक भी गर्मी नहीं रहेगी। उम्मीद की जा रही है कि इस बार बीस जून तक मानसून आ जाएगा। केरल में मानसून आ चुका है।
यहां गिरे ओले
बीकानेर के जस्सूसर गेट,जवाहर नगर,एमडीवी,बीछवाल सहित अनेक शहरी क्षेत्र में ओले गिरे। वहीं श्रीडूंगरगढ़ में बारिश के साथ ही बर्फ पड़ी है। छोटे छोटे ओलो से मौसम में सर्दी है। डूंगरगढ़ के आसपास के गांवों में भी बारिश हुई है।


