
रेल ई टोकन सुविधा बंद,आमजन परेशान,दलाल हुए सक्रिय





खुलासा न्यूज,बीकानेर। एक ओर तो रेलवे कागजी भार कम करने के उद्देश्य से ऑनलाईन सुविधाओं के विस्तार का दावा कर रहा है। वहीं दूसरी ओर ऑनलाईन सुविधाओं के समूचित रखरखाव के अभाव में आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसा ही हाल बीकानेर तत्काल ई टोकन सुविधा का है। जो पिछले दो दिनों से बिना किसी पूर्व सूचना के बंद पड़ी है। इस सुविधा के बंद होने के बाद टिकट बनाने को लेकर दलाल भी सक्रिय हो गये है और तत्काल टिकट बनवाने के नाम पर मुंह मांगी राशि वसूल कर रहे है। मंजर यह है कि इस संबंध में जब रेलेव सेन्ट्रल लाइज नंबरों और 139 रेलवे हेल्पलाइन पर फ ोन किये जाते है तो फोन करने वालों को सही जानकारी तक उपलब्ध नहीं करवाई जाती है। मजे की बात तो यह है कि जिम्मेदार तो मेन्टीनेंश के नाम पर अपना पल्ला झाड़ रहे है। इस संदर्भ में एक आम यात्री रामदयाल राजपुरोहित ने खुलासा को फोन कर बताया कि उनके द्वारा अनेक बार रेलवे की हेल्पलाईन सुविधा और बीकानेर मंडल कार्यालय में फोन किये गये। किन्तु किसी न संतोषजनक जवाब नहीं दिया। राजपुरोहित ने बताया कि इस कोविड के दौर में मुश्किल से ट्रेनें शुरू हुई और टिकट की मारामारी है और ई टोकन की कोई सुविधा आमजन को नहीं मिलने से टिकटों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। राजपुरोहित का कहना है कि ई टोकन सुविधा दलालों और टिकट की कालाबाजारी को रोकने के लिये सरकार ने 2015 से शुरू की जो काफी कामयाब रही है। लेकिन बीकानेर रेलवे प्रशासन के लच्चर रवैये से इसका लाभ आम यात्रियों को नहीं मिल रहा है। अधिकारी वे रेलवे समिति केवल अखबारों में अपनी वाही वाही लेने में लगे है अब आमजन को गंतव्य स्थान जाने के लिए ईटोकन से तत्काल टिकट लेने के लिए कोई सुविधा नहीं है ।
दलाल हुए सक्रिय
ई टोकन सुविधा बंद होने से स्थानीय दलाल बहुतायत में सक्रिय हो गए हैं।दिनभर रिजर्वेशन हाल में दलालों का जमावड़ा रहता है। जिसमें स्थानीय स्टाफ व सीआरपीएफ की मिलीभगत से दलाल हाथ से लिखे ई टोकन से तत्काल टिकट लेने में कामयाब होते हैं और आम यात्री से एक टिकट के बदले 700 से 1000 तक लेते है।ं इन दलालों की कारस्तानी को पकडऩे का कोई साधन भी नहीं है। हाल में कोई सीसीटीवी कैमरा चालू नहीं है जो लगे हैं वह भी बंद पड़े हैं ।
विभाग के कार्मिक भी अनजान
राजपुरोहित ने बताया कि इस बारे में रेलवे सेंट्रलयाज नंबर 07554090600 पर बात करते हैं तो कहते है हमे इस वेबसाइड की कोई इस बारे में जानकारी नहीं है । 139 पर बात करो और 139 पर बात करते हैं तो वे कहते हैं हमें नहीं पता ई टोकन की साइड का । अगर डीआरएम ऑफिस में फोन करते है तो अलबत्ता फोन ही नहीं उठाते बेमुश्किल से दिनभर ट्राई करने पर अगर एक बार फोन उठा भी लेते हैं तो टका सा जवाब की मेंटिनेस चल रहा है। जबकि लॉकडाउन में ट्रेनें बंद थी तो मेंटेनेंस क्यों नहीं किया और जब कुछ शुरु हुई तो ये यात्रियों के साथ दलालों से लुटवा क्यों रहे है। क्यों कर रहे ऐसा, आमजन लूट रहा है और रेलवे प्रशासन कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कर रहा है। 26 अगस्त 2019 को मंडल रेल पर प्रबंधक संजय कुमार श्रीवास्तव ने कार्य भार संभालते ही मीडिया से रूबरू होकर बीकानेर के यात्रियों को एक नई सुविधा और आमजन को सहूलियत देने का वादा किया था पर खाली खोखले ही रहे वादे ।
सलाहाकार समितियां चुप
कहने को तो रेलवे से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिये अनेक सलाहाकार समितियां बनी है। रेल मंडल सदस्य नियुक्त किये जाते है। किन्तु ये सभी ऐसी सुविधाओं की ओर ध्यान ही नहीं देते। इनकी चुप्पी भी अपने आप में सवालिया निशान लगाती है।


