
पुष्करणा सावा: आज बीकानेर का परकोटा बनेगा छत, शहरवासी बाराती, देखें वीडियो





पुष्करणा सावा: आज बीकानेर का परकोटा बनेगा छत, शहरवासी बाराती, देखें वीडियो
बीकानेर. पुष्करणा ब्राह्मण समाज का सामूहिक विवाह (सावा) शनिवार को होगा। एक दिन, एक मुहूर्त में सैकड़ों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। घर-घर, हर गली-मोहल्ले और चौक-चौराहों से बारातें निकलेंगी। पूरा परकोटा क्षेत्र छत बनेगा। शहरवासी बाराती। घरों, समाज के भवनों और गली-मोहल्लों तक मंडप सजेंगे। पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ सैकड़ों वर-वधू परिणय सूत्र में बंधेंगे। शाम तीन बजे से बारातों के निकलने का शुरू होने वाला क्रम रात तक जारी रहेगा। पुष्करणा सावा की प्रमुख पहचान विष्णुरूपी दूल्हे शंख ध्वनि और झालर की झंकार के बीच पैदल ही बिना बैंड, घोड़ी, रथ और बाजे के विवाह संस्कार के लिए अपने ससुराल पहुंचेंगे। सिर पर खिड़किया पाग, पीतांबर व बनियान पहने और ललाट पर पेवड़ी और कुमकुम अक्षत तिलक लगाए विष्णुरूपी दूल्हे हर किसी के आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। पुष्करणा सावा को लेकर 16 फरवरी से मांगलिक रस्मों का क्रम चल रहा है। घर-घर और गली-मोहल्लों में पारंपरिक मांगलिक गीत गूंज रहे हैं। घर, भवन, मोहल्ले रंगीन रोशनी से सज चुके हैं। शहर में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक संस्थाओं की ओर से विष्णुरूप में विवाह करने के लिए जाने वाले दूल्हों का सम्मान किया जाएगा। विष्णुरूपी दूल्हों को नगद राशि, स्मृति चिह्न सहित अयोध्या यात्रा का सपत्नीक टिकट भी दिया जाएगा। बीकानेर में करीब चार शताब्दी पहले पुष्करणा सावा प्रारंभ होने की बात कही जा रही है। यह सावा अपनी मितव्ययिता, सादगी और अनोखी मांगलिक रस्मों के लिए भी प्रसिद्ध है। कम खर्च में अधिक शादियां इसका प्रमुख उद्देश्य है।

