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पुष्करणा ब्राह्मण समाज का सामूहिक सावा की हाथधान की रस्म से हुई शुरुआत, देखे वीडियों

बीकानेर। पुष्करणा ब्राह्मण समाज का सामूहिक सावा 18 फरवरी को होगा। पुष्करणा सावे की तीन दिवसीय मांगलिक परंपराएं शुक्रवार से प्रारंभ होगी। 18 फरवरी को विवाह बंधन में बंधने वाले लडक़े-लड़कियों के हाथधान की रस्म शुक्रवार को होगी। जिन लडक़े-लडकियों का विवाह 18 फरवरी के दिन होगा, वे बन्ना-बनड़ी का स्वरुप धारण करेंगे। घर-घर में हाथधान के आयोजन हो ंगे। पीठी, लखदख, अटाळ, ननिहाल लडड़ी चढ़ाने जाने सहित कई मांगलिक रस्मों के आयोजन होंगे। पुष्करणा सावे को लेकर विवाह वाले परिवारों में मांगलिक परंपराओं, मांगलिक गीतों के गायन का क्रम जारी है। गुरुवार को कई परिवारों में खोळा, प्रसाद, बनावा, मुंह रंगाई इत्यादि मांगलिक रस्में हुई। वधू पक्ष की ओर से वर का पंचमेवा, वस्त्र इत्यादि से खोळा भरा गया। वर पक्ष के बड़े बुजुर्गों की वधू पक्ष के यहां कुमकुम अक्षत से मुंह रंगाई की रस्म हुई। पुष्करणा सावे को लेकर शुक्रवार को भी खोळा, प्रसाद,बनावा, मायरा इत्यादि परंपराओं के आयोजन होंगे। सावा कार्यक्रम अनुसार 17 फरवरी को विवाह वाले परिवारों में मातृका स्थापना व गणेश परिक्रमा मांगलिक रस्में होगी। 18 फरवरी को पुष्करणा सावा होगा। बड़ी संख्या में वर-वधू परिणय सूत्र में बंधेंगे।
खोळा-प्रसाद काचल रहा क्रम
पुष्करणा सावे को लेकर विवाह वाले परिवारों में वर-वधू के खोळा भरने, प्रसाद भेजने, बड़े-बुजुर्गों का कुमकुम-अक्षत से मुंह र

ंगने, बनावा इत्यादि रस्मों का क्रम चल रहा है। मांगलिक रस्मों के दौरान वर-वधू के ललाट पर कुमकुम अक्षत तिलक कर व मुंहमीठा करवाकर खोळा भरने, प्रसाद देने की परंपराएं चल रही है।
शुक्रवार को हाथधान की रस्म के साथ ही ननिहाल पक्ष की ओर से मायरा भरने की रस्म निभाई जाएगी। घर-परिवार के सदस्यों की ओर से बान-बनावा दिए जाएंगे। बनावा, प्रसाद में विभिन्न प्रकार की मिठाइयां, वस्त्र, ऋतुफल इत्यादि सामग्री भेजी जा रही है।
तीन दिनों तक गूंजेंगे गीत, चलेगा मांगलिक परंपराओं का क्रम
पुष्करणा सावे पर शुक्रवार से तीन दिनों तक घर-घर मांगलिक परंपराओं का क्रम चलेगा। हर घर, गली, मोहल्ले में मांगलिक गीतोंकी गूंज रहेगी। पारंपरिक वेशभूष व आभूषणों से सजी संवरी महिलाएं मांगलिक रस्मों का निर्वहन करती नजर आएगी। ढोल-ताशोंकी गूंज के बीच मायरा, बनावा, प्रसाद, खिरोड़ा, गणेश परिक्रमा, बड़बेला, तोरण, इत्यादि मांगलिक रस्मों का क्रम चलेगा।
घर-भवन सजे,संस्थाएं तैयार
पुष्करणा सावे को लेकर विवाह वालेे घर-भवन रंगीन रोशनी से सज चुके है। परकोटा क्षेत्र में मुख्य मार्गों से गली-गली मोहल्लों तकसार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था को चाक चौबंद करने का क्रम चलरहा है।
मुख्य मार्ग, चौक-चौराहों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। यातायात व्यवस्था को लेकर भी संबंधित विभाग तैयारहो गया है। सावे पर विभिन्न सेवा-व्यवस्थाएं करने वाले सामाजिक संस्थाएं, संगठन के सदस्य सक्रियता के साथ व्यवस्थाओं में जुटेहुए हैं।
बीकानेर पहुंचने का क्रम जारी
पुष्करणा सावे पर घर-परिवार और रिश्तेदारों के यहां होने वाली शादियों में शामिल होने के लिए देशभर से पुष्करणा समाज के

लोगों का बीकानेर पहुंचने का क्रम जारी है।
बड़ी संख्या में कोलकाता से समाज के लोग बीकानेर पहुंच रहे है। वहीं पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बैंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर,जोधपुर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर सहित अनेक स्थानों से समाज के लोग बीकानेर पहुंच रहे हैं।
केसरिया वस्त्रों से सजेंगे बन्ना-बनड़ीहाथधान की रस्म के दौरान 18 फरवरी को विवाह करने वाले लडक़े-लड़कियां बन्ना-बनड़ी का स्वरुप धारण करेंगे। लडक़े केशरिया पाग, केशरिया चोला, सफेद पायजामा धारण करेंगे। हाथों में लोहे का गेडिय़ा व बटुआ रखेंगे। वहीं लड़कियां बनड़ी कास्वरुप धारण कर केशरिया वस्त्र धारण करेगी। हाथों में लोहे का पंजा और बटुआ रखेंगी। बटुए में खाटा, सुपारी रखेंगे।

 

RAJESH CHHANGANI

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