पीटीआई भर्ती 2018 की अस्थायी सूची से खुलासा, 128 अपात्र, 191 अन्य संदेह के घेरे में

पीटीआई भर्ती 2018 की अस्थायी सूची से खुलासा, 128 अपात्र, 191 अन्य संदेह के घेरे में

बांसवाड़ा। प्रदेश में कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक (तृतीय श्रेणी) की भर्ती प्रक्रिया के तहत 128 अभ्यर्थियों को डिग्री संबंधी कमियों के चलते अपात्र घोषित कर दिया गया। इनके इलावा 191 अभ्यर्थियों की डिग्रियों भी सवालों के घेरे में हैं।इन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन में एनरॉलमेंट नंबर के अभाव के साथ डिग्री की मान्यता, डिग्री पर रोल नंबर अंकित नहीं होने सहित कई कमियां और गड़बडिय़ां सामने आई हैं। हालांकि बोर्ड ने चयनितों की प्रोविजनल सूची जारी कर दी है और कमियों वाले अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच के लिए शिक्षा विभाग को निर्देशित किया है, ताकि पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति आदेश जारी करने की राह प्रशस्त हो सके।
यह है भर्ती, ऐसे मामले
कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2018 में शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक ग्रेड थर्ड की भर्ती निकाली थी। 4500 पदों की इस भर्ती के लिए परीक्षा 30 सितंबर, 2018 को हुई और 29 जनवरी, 2019 को परिणाम जारी हुआ। परिणाम जारी करने के बाद चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए आयोग ने 10 जून 2019 की तिथि तय की थी। 191 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों में कमियां सामने आई हैं। इनमें 19 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्होंने बीपीएड या शारीरिक पाठ्यक्रम की डिग्री आवेदन के साथ या सत्यापन के दौरान जमा ही नहीं कराई थी। बताया गया कि इन अभ्यर्थियों को वस्तुस्थिति स्पष्ट करने और कमियों की पूर्ति के लिए 18 अक्टूबर तक का समय भी दिया गया है।
बाहरी राज्यों से जुगाड़ का सामने आता रहा है खेल
इधर, बांसवाड़ा जिले में डिग्रियों के फर्जीवाड़े को लेकर कुछ लोगों ने बोर्ड को शिकायत भी भेजी हैं, जिसमें अन्य राज्यों से फर्जी डिग्री लाकर आवेदन करने का आरोप हैं। गौरतलब है कि विभिन्न भर्तियों में बाहरी राज्यों से पैसा देकर डिग्रियों का जुगाड़ का खेल लंबे समय से चल रहा हैं। पूर्व में नर्सिंग भर्ती, लिपिक भर्ती, पंचायती राज में पंच-सरपंचों की योग्यता सहित कई मामलों में बाहर से डिग्रियां जुटाने के मामले सामने आ भी चुके हैं। कई मामले अब भी जांच में चल रहे हैं।
फैक्ट फाइल
भर्ती परीक्षा – 30 सितंबर 2018
कुल पद – 4500
परीक्षार्थी पंजीकृत – 23819
अन्य राज्य के परीक्षार्थी – 8682
पुरुष अभ्यर्थी – 17779
महिला अभ्यर्थी – 6040
अपात्र घोषित करने के ये कारण
-सीपीएड की एक साल की 1999 के बाद की डिग्री मान्य नहीं बीपीई की डिग्री मान्य नहीं
-2017-18 के बाद की सीपीएड मान्य नहीं
-बीपीएड पूरी नहीं की बीपीई की तीन साल की डिग्री मान्य नहीं
-बीपीएड अन्य राज्य ओवरएज एक वर्ष सीपीएड वैध नहीं
अन्य अभ्यर्थियों की डिग्रियों में सामने आई ये कमियां
-बीपीएड अंकतालिका में एनरॉलमेंट व रोल नंबर का अभाव
-बाहरी राज्य की डिग्रियों में विश्वविद्यालय की सम्बद्धता का संदेह
-ऑनलाइन व ऑफलाइन डिटेल में भिन्नता
-मार्कशीट में रोल नंबर ही अंकित नही
-अंकतालिका में परिणाम की दिनांक का अभाव
बीपीएड के चौथे सेमेस्टर में विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तित
-दस्तावेजों में अभ्यर्थी के नाम में ही अंतर

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