भाजपा की दूसरी सूची में घोषित बीकानेर की चार विधानसभा प्रत्याशियों की प्रोफाइल, जानिए किसे और क्यों मिला टिकट - Khulasa Online

भाजपा की दूसरी सूची में घोषित बीकानेर की चार विधानसभा प्रत्याशियों की प्रोफाइल, जानिए किसे और क्यों मिला टिकट

खुलासा न्यूज बीकानेर। भाजपा की दूसरी सूची में बीकानेर जिले की चार विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। जिसमें बीकानेर पूर्व से सिद्धि कुमारी, पश्चिम से इस बार नया चेहरा जेठानंद व्यास, नोखा से मौजूदा विधायक बिहारी बिश्नोई तथा लूणकरणसर से भी मौजूदा विधायक सुमित गोदारा पर पार्टी ने भरोसा जताया है। हालांकि पहली में सूची में श्रीडूंगरगढ़ से ताराचंद को पार्टी मैदान उतार चुकी है, जो पिछला चुनाव हार गए थे। आज घोषित हुए चार प्रत्याशियों की हम प्रोफाइल खंगाले, जिसमें हम यह भी बताएंगे कि पार्टी ने प्रत्याशियों पर क्यों भरोसा जताया।

बीकानेर पूर्व : सिद्धि कुमारी

करीब 50 वर्षीय सिद्धि कुमारी की शिक्षा की बात करें तो पोस्ट ग्रेजुएट हैं। लगातार तीन बार से विधायक का चुनाव जीत रही हैं। सबसे पहले 2008 में विधायक का चुनाव जीतीं। वे बीकानेर के पूर्व राजघराने से हैं। पहले चुनाव में पार्टी में उनका विरोध भी हुआ। इस बार फिर टिकट इसलिए मिला कि सिटिंग विधायक होने और बीकानेर पूर्व राजपरिवार से होने का फायदा इन्हें मिला।

बीकानेर पश्चिम : जेठानंद व्यास

करीब 53 वर्षीय जेठानंद की शिक्षा में गे्रजुएट हैं। कट्टर हिन्दूवादी चेहरा है। हिन्दू जागरण मंच के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। संघ ने इस टिकट पर अपनी मजबूत दावेदारी रखी थी। टिकट मिलने का बड़ा कारण यह रहा कि पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण जोशी के निधन के बाद से भाजपा को नया चेहरा लाना था।

लूणकरणसर : सुमित गोदारा

सुमित गोदारा करीब 52 साल के हैं। ये शिक्षा में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। पहली दफा 2018 में लूणकरणसर से चुनाव जीते। 2013 में लूणकरणसर से माणकचंद सुराणा से चुनाव हार गए थे। बीजेपी में लंबे समय से सक्रिय है। संगठन में भी काम करने का लंबा अनुभव है। इस बार टिकट इसलिए मिला कि मौजूदा विधायक है। सक्रियता का फायदा मिला। उनके मुकाबले जिताऊ उम्मीदवार का विकल्प नहीं था। हालांकि इस बार इनका क्षेत्र में विरोध है। आरोप लगाये जाते है कि इन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया।

नोखा : बिहारी बिश्नोई

बिहारी बिश्नोई करीब 44 साल के हैं। शिक्षा बीएससी, एलएलबी है। पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे। भाजपा के टिकट पर 2018 में विधायक बने। नेता प्रतिपक्ष रहे कांग्रेस के कद्दावर नेता रामेश्वर डूडी को हराया था। इस बार इन्हें टिकट इसलिए मिला कि भाजपा के सभी खेमों के साथ जुड़े रहें। ऐसे में ज्यादा विरोध किसी पक्ष से देखने को मिला। हालांकि इस बार इस विधानसभा में चुनाव कांटे की टक्कर का रहने वाला है।

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