आस्ट्रेलिया से आए प्रो. ओम कुमार हर्ष सम्मानित, उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्व विद्यार्थियों द्वारा क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

आस्ट्रेलिया से आए प्रो. ओम कुमार हर्ष सम्मानित, उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्व विद्यार्थियों द्वारा क्षमता निर्माण पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

खुलासा न्यूज बीकानेर। पूर्व विद्यार्थी संघ एवं बी आई आर सी राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर द्वारा “उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्व विद्यार्थियों द्वारा क्षमता निर्माण” पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में राजकीय डूंगर महाविद्यालय के लगभग 30 पूर्व विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा अपने व्याख्यान दिए, जिनमें प्राचार्य प्रो. आर.के. पुरोहित पूर्व प्राचार्य प्रो. कृष्ण राठौड़ तोमर, प्रो. दिग्विजय सिंह, प्रो. इंद्र सिंह राजपुरोहित, फोर्ट स्कूल के पूर्व प्राचार्य श्री नंदलाल तथा ग्लोबल एवं टांटिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. ओ के हर्ष शामिल थे। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो. लीना शरण, प्रो. दिव्या जोशी एवं प्रो. प्रकाश आचार्य द्वारा प्रो. ओ के हर्ष का मोमेंटो, शॉल, साफा एवं पुष्पमाला एवं श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया गया।


उद्घाटन सत्र में प्राचार्य प्रो. आर.के. पुरोहित ने महाविद्यालय के विकास में पूर्व विद्यार्थियों के योगदान को दर्शाया। उन्होंने डूंगर महाविद्यालय के शिक्षाविदों, चिकित्सकों, इंजीनियरों, प्रशासनिक अधिकारियों, राजनीतिज्ञों एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले पूर्व विद्यार्थियों की भरपूर प्रशंसा की। पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष प्रो. कृष्ण राठौड़ तोमर ने संस्थान के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया। पूर्व प्राचार्य एवं पूर्व छात्र प्रो. दिग्विजय सिंह ने विद्यार्थियों के विकास के साथ-साथ समाज में उनके योगदान के लिए भी कार्य करने को कहा। प्रो. इंदर सिंह राजपुरोहित ने अपने विद्यार्थी जीवन की विभिन्न घटनाओं का वर्णन किया, जिसने उन्हें एक बेहतर इंसान बनने में मदद की। मुख्य अतिथि एडिलेड, आस्ट्रेलिया से आए प्रो. ओम कुमार हर्ष, ब्रिट कॉलेज, लंदन के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार पूर्व उपकुलपति एवं कुलपति ने एक कैरियर के लिए संस्थान के महत्व पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र का धन्यवाद ज्ञापन पूर्व छात्र प्रकोष्ठ की संयोजक प्रो. लीना शरण ने किया तथा सत्र का संचालन कोषाध्यक्ष प्रो. प्रकाश आचार्य ने किया।


दूसरे सत्र में पूर्व छात्रा अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो दिव्या जोशी ने समाज के समग्र विकास के लिए इस तरह की गतिविधियों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने मान्यता की शुरुआत के लिए आवश्यक विभिन्न प्रकार के डेटा पर जोर दिया और पूर्व छात्रों के डेटा और पूर्व छात्रों के काम केवल मान्यता डेटा के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि यह पूर्व छात्रों की आंतरिक / आत्मिक चेतना और खुशी भी प्रदान करते हैं। उन्होंने पूर्व छात्रों के काम की तुलना महाकुंभ से की।


तीसरे सत्र में बीआईआरसी के संस्थापक निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र भोजक ने पूर्व छात्रों द्वारा क्षमता निर्माण के महत्व पर जोर दिया, जिसमें शोध, बुनियादी ढांचे, उपकरण और सबसे महत्वपूर्ण रूप से मानवीय मूल्य शामिल होने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सच्चे पूर्व छात्र संस्थान की बेहतरी के लिए सबसे सही व्यक्ति हैं क्योंकि वे बाहरी घेरे से उन सभी चीजों को देख सकते हैं जिन्हें आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत की तरह अंतर्दृष्टि से देखा जा सकता है। प्रो. एम डी शर्मा, प्रो. विक्रमजीत, प्रो. एचएस भंडारी, डॉ. एस एन जटोलिया डॉ. अक्षय जोशी, डॉ. राजा राम अन्य योगदानकर्ताओं में से थे। प्रो. प्रकाश आचार्य ने समग्र कार्यक्रम का संयोजन किया और उन्होंने ऐसे आयोजनों को नियमित करने पर भी जोर दिया।

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