
किसी भी मरीज को उपचार के लिए मना नहीं कर सकेंगे निजी हॉस्पिटल





बीकानेर। प्रदेश का कोई भी निजी हॉस्पिटल किसी भी मरीज को उपचार के लिए मना नहीं कर पाएगा। सरकार ने बकायदा मरीजों से बर्ताव कैसे किया जाए इसका एक चार्ट भी तैयार किया है। राज्य सरकार के पास कई निजी हॉस्पिटलों की शिकायत पहुंची थी कि वे मरीजों को उपचार से इंकार कर सरकारी हॉस्पिटलों में रेफर कर रहे हैं, साथ ही एबी-एमजीआरएसबीवाय की सूची में शामिल अस्पताल द्वारा एनएफएसए व एसइसीसी श्रेणी के लाभार्थियों से अनाश्वयक रूप से राशि वसूल रहे हैं, जो अनैतिक व अनुचित है। सरकार ने निर्देशित किया है कि यदि कोई मरीज आता है तो तत्काल उसे उपचार मिलना चाहिए।
होगी कार्रवाई
राजस्थान एपीडेमिक डिजिजेज एक्ट 1957 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक निजी हॉस्पिटलों को निर्देशित किया है कि ऐसे मरीजों का उपचार नियमानुसार करना है, यदि वे इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 188 व आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 के अन्तर्गत जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ये नहीं कर सकेंगे, नहीं तो होगा नुकसान
एबी-एमजीआरएसबीवाय की सूची में शामिल हॉस्पिटल द्वारा एनएफएसए व एसइसीसी श्रेणी के लाभार्थियों से किसी भी प्रकार की कोई राशि ली जाती है तो उन्हें वर्तमान फेज से असम्बद्ध कर दिया जाएगा, जिन्हें फिर से शामिल नहीं किया जाएगा। इसे लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने कड़े निर्देश जारी किए हैं।
नहीं कर सकेंगे बिना काम से रैफर
यदि कोई भी मरीज निजी हॉसिटल में पहुंचता है तो उसका समुचित उपचार करना होगा, मरीजों को अनाश्यक रूप से रैफर नहीं किया जा सकेगा। मरीजों को ओपीडी व आईपीडी सेवाओं का पूरा लाभ दिया जाना होगा।
मिशन लीसा में भी निर्देश
ये है चार्ट के निर्देश निजी हॉस्पिटलों को मिशन लाइफ सेविंग में भी निर्देशित किया गया है इसमें बकायदा सरकार ने चार्ट जारी किया है कि वे किस तरह से मरीजों की जान बचाएंगे।
– हाईरिस्क गु्रप के दो हिस्से किए गए हैं।
पहला
हां/ लक्षण-बुखार, खांसी, सांस लेने मे परेशानी होने पर सांस की गति नापनी होगी पल्स ऑक्सीमीटर से एसपीओटू व ब्लड प्रेशर की जांच करनी होगी।
दूसरा
नहीं यदि लक्षण नहीं है तो मरीजों को खतरों और लक्षणों की जानकारी देनी होगी। कोई लक्षण होने पर जगदीकी स्वास्थ्य केन्द्र व जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष पर तत्काल संपर्क करने की सलाह देनी होगी।
पहले ग्रुप को आगे बढ़ाते हुए
यदि मरीज में आक्सीमीटर से नापने पर एसपीओटू 94 प्रतिशत व आरआर 15 है तो उन्हें खतरों और लक्षणों की जानकारी देनी होगी। कोई लक्षण होने पर जगदीकी स्वास्थ्य केन्द्र व जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष पर तत्काल संपर्क करने की सलाह देनी होगी।
– पहले ग्रुप में दूसरा पहलू
आरआर 15 से उपर है और एसपीओट 94 प्रतिशत से कम तो एम्ुलेंस के माध्यम स डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल रेफर करना होगा।

