सटोरियों का दबाब या स्कूल जमीन विवाद :किस के कारण एसपी को पद से हटाया - Khulasa Online सटोरियों का दबाब या स्कूल जमीन विवाद :किस के कारण एसपी को पद से हटाया - Khulasa Online

सटोरियों का दबाब या स्कूल जमीन विवाद :किस के कारण एसपी को पद से हटाया

बीकानेर। जिले के लेडी सिघम से जाने वाली तेजतर्रार अधिकारी एसपी प्रीति चन्द्रा को अचानक बुधवार रात्रि को हटा दिया। बताया जा रहा है शहर की एक स्कूल जमीन विवाद में आईपीएस प्रीति चन्द्रा को अपने पद से हाथ धोना पड़ा है। मामला एसीबी से जुड़ा है मामला प्रीति चन्द्रा के भाई कमलेश चन्द्रा से जुडा हुआ है जिसको लेकर उनको फिल्ड पोस्टिग से हटाकर सिविल राइट्स में पदस्थापित किया गया है। एक तरफ स्कूल वाला मामला बताया जा रहा है तो वहीं जानकारी ऐसी मिली है एसपी प्रीति चन्द्रा ने आईपीएल मैचों के दौरान शहर के नामी सटोरियों पर लगातार कार्यवाही कर रही थी मैच पर होने वाले सट्टे के कारोबार को लेकर एसपी पूरी तरह से अलर्ट थी उन्होने तो सभी थानाधिकारियों तक यह चेतावनी दी थी कि अगर कोई एसएचओ की मिलीभगत सटोरियों से मिली तो उस पर कार्यवाही होगी इसको लेकर कई थानाधिकारी बड़े परेशान भी हो गये थे इस चेतावनी को लेकर एसपी स्वयं सटोरियों पर कड़ी नजर रखी हुई थी उनकी हर गतिविधियों पर काम किया जा रहा था उनकी टीम लगातार सटोरियों पर दबिश दे रहे थे इसको लेकर शहर के नामी सटोरियां बड़े परेशान हो गये क्योकि उनको डर था कि अगर मैच में बैठे तो रेड कभी भी पड़ सकती है। जानकारी ऐसी भी मिली है कुछ नामी सटोरियों ने जनप्रतिनिधियों से मिलकर एसपी के तबादले तक की बात पहुंचाई कि अगर मैडम बीकानेर में रही तो धंधा पूरी तरह चौपट हो जायेगा और आगे आईपीएल का फाइनल मैच है जिसमें बीकानेर में करीब अरबों रुपये का सट्टा होता है। इसी बीच एक स्कूल की जमीन का विवाद एसीबी में गया जिसमें जयनारायण व्यास कॉलोनी के थाने के इंचार्ज अरविन्द भारद्वाज पर आरोपी है उन्होंने एसपी के दबाब में निर्मल कामरा पर दबाब बनाया कि वो स्कूल की कमेटी से इस्तीफे दे दे साथ ही उनके तेरह अन्य सदस्य भी इस्तीफे दे। यह स्कूल कामरा और कमलेश चन्द्रा ने मिलकर खोली थी। बताया जा रहा है इस मामले को लेकर एसीबी एसपी प्रीति चन्द्रा से भी पूछताछ कर सकती है। इस मामले की जांच दिनेश एमएन स्वयं कर रहे है।
थानों में सटोरियों का दबदबा
अगर देखा जाये तो नामी सटोरियों का दबदबा प्राय: थानों में घंटो पुलिसकर्मियों साथ बैठना उनके साथ घुमना फिरना, जन्मदिन पर फेसबुक पर उनको बधाई देना यह आम बात है। जबकि थानाधिकारियों को पता है जो उनके पास बैठा है या फेसबुक पर फोटो अपलोड कर बधाई दे रहा है वो शहर का नामी सटोरियां है लेकिन साहब उस पर कार्यवाही नहीं करते है क्योकि वो साहब के साथ उठता बैठता है। कार्यवाही से पहले ही सटोरियों के पास सूचना पहुंच जाती है कि उनके यहां पर रेड होने वाली कई बार पुलिस को मौके से खाली हाथ आना पड़ता है।

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