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वैलेंटाइन-डे पर स्कूलों में माता-पिता पूजन दिवस मनाने की तैयारी

जयपुर। राजस्थान के स्कूलों में वैलेंटाइन डे (14 फरवरी) मातृ-पितृ पूजन दिवस के तौर पर मनाने पर विचार किया जा रहा है। उच्च स्तर पर इसे लेकर मंथन चल रहा है। बीजेपी शासित राज्यों में पहले से यह दिवस मनाया जा रहा है। अब राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद यहां भी यह दिवस मनाने की तैयारी है। अगले साल से इसे शिक्षा विभाग के कैलेंडर में भी शामिल किया जा सकता है।पिछली बीजेपी सरकार ने वैलेंटाइन डे को मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। दरअसल, अप्रैल 2018 में शिक्षा विभाग ने सर्कुलर जारी कर 14 फरवरी को हर साल स्कूलों में मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने के आदेश दिए थे। इसे शिक्षा विभाग के शिविरा कैलेंडर में शामिल किया गया था।
केवल घोषणा तक सीमित रहा था आदेश, कांग्रेस ने आते ही रोक लगा दी
बीजेपी सरकार ने चुनावी साल में यह घोषणा की थी और 2019 से यह आदेश लागू होता। इस बीच दिसंबर 2018 में सरकार बदल गई। गोविंद शिक्षा डोटासरा शिक्षा मंत्री बने। डोटासरा ने फरवरी 2019 में बीजेपी सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। इस तरह यह आदेश कभी धरातल पर नहीं उतर सका। डोटासरा ने उस वक्त तर्क दिया था कि माता पिता का आदर करना भारतीय संस्कृति में पहले से ही है, इसके लिए केवल एक दिन तय करना संस्कृति का अपमान है। इसलिए इसे स्कूलों में मनाने का कोई औचित्य नहीं है।शिक्षा मंत्री दिलावर बोले- 14 फरवरी को मात-पितृ पूजन दिवस मनाना फिर शुरू होगा
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- वासुदेव देवनानी ने शिक्षा मंत्री रहते हुए कई पहल की थीं। कांग्रेस सरकार ने उन फैसलों को बदल दिया। हम उन अच्छे फैसलों का अध्ययन करके वापस लागू करेंगे। 14 फरवरी को मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की पहल को कांग्रेस सरकार ने बंद ​कर दिया था, उसका हम अध्ययन करवा रहे हैं। हम इसे वापस शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, इस बार नहीं तो अगले साल से इसे लागू कर दिया जाएगा।
वैलेंटाइन डे पर हिंदूवादी संगठन पहले से मनाते आ रहे हैं यह दिवस
वैलेंटाइन डे पर हिंदूवादी संगठन लंबे समय से मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाते आ रहे हैं। हर साल इस पर सार्वजनिक कार्यक्रम भी होते हैं। पिछले एक दशक से राजस्थान में इस परंपरा ने जोर पकड़ा है। हिंदूवादी विचारधारा से जुड़े चिंतकों के विचार के बाद इसे बीजेपी सरकारों ने लागू किया था।
इस मुद्दे पर खूब हुुआ सियासी टकराव, कांग्रेस-बीजेपी के बीच फिर वार-पलटवार के आसार
वैलेंटाइन डे बनाम मातृ-पितृ पूजन दिवस को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी टकराव होता रहा है। वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने जब स्कूलों में 14 फरवरी के दिन को माता पिता की पूजा करने वाले दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया था, तब कांग्रेस ने इसे गैर जरूरी कदम बताते हुए इसकी आलोचना की थी। कांग्रेस सरकार ने आते ही दो महीने में ही बीजेपी सरकार के फैसले को पलट दिया था। कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने इसे संस्कृति विरोधी कदम बताया था। अब फिर इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच सियासी वार-पलटवार शुरू होने के आसार बन गए हैं।
15 फरवरी को स्कूलों में सूर्य नमस्कार के आदेश भी हो चुके हैं जारी
राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में स्टूडेंट्स पढऩे के साथ अब सूर्य नमस्कार करेंगे, इसके आदेश पहले ही जारी हो चुके हैं। इसके तहत सूर्य सप्तमी (15 फरवरी) से जयपुर समेत प्रदेश के सभी स्कूलों में स्टूडेंट्स से सूर्य नमस्कार करवाया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले स्कूल में तैनात टीचर्स को योग टीचर्स से ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। वहीं, इसके बाद स्टूडेंट्स, टीचर्स , पेरेंट्स के साथ आम जनता और जनप्रतिनिधि मिलकर इस अभियान की शुरुआत करेंगे। ताकि यह वल्र्ड रिकॉर्ड बन सके।
शिक्षा और पंचायतीराज विभाग में विदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है। शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि इसे लेकर विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। अब दोनों विभागों में केवल स्वदेशी निर्मित वस्तुओं की ही खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैनें विभाग के अधिकारियों से कहा है कि हमारे विभाग में छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी वस्तु की भी खरीद स्वदेशी की जाती है। वह भारत निर्मित ही होनी चाहिए। अगर कोई ऐसी वस्तु है, जिसकी खरीद करना आवश्यक है और उसका निर्माण भारत में नहीं होता है। ऐसी स्थिति में मंत्री स्तर पर अनुमति लेकर ही उस सामान की खरीद की जा सकेगी।

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