
आबकारी नीति में बड़े बदलाव की तैयारी,लॉटरी से नहीं नीलामी से होगा दुकान का आवंटन !






जयपुर। अशोक गहलोत सरकार राज्य की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव की तैयारी कर रही है. नई नीति में शराब की दुकानों का आवंटन अब लॉटरी प्रक्रिया से नहीं किया जायेगा. बताया जा रहा है कि राज्य की नई आबकारी नीति बनकर तैयार हो गई है. नई आबकारी नीति में ई- ऑक्शन प्रक्रिया को अपनाया जायेगा. दुकान आवंटन नीलामी की प्रक्रिया से किया जायेगा. इससे सरकार को ज्यादा राजस्व मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। राजस्व मामले में आबकारी विभाग भले ही लक्ष्य से पीछे चल रहा है लेकिन गत वर्ष के मुकाबले दिसंबर के महीने तक है करीब 1000 करोड़ रुपए राज्य सरकार को मिल चुके हैं. इसके बावजूद आबकारी विभाग राजस्व जुटाने में लगा हुआ है. आबकारी विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई आबकारी नीति में लक्ष्य डेढ़ हजार करोड़ रुपये का रखा गया है. इसी राजस्व को बढ़ाने के लिए गहलोत सरकार आबकारी नीति में बदलाव करने जा रही है।
एक ही दुकान से मिलेगी देसी, अंग्रेजी और बीयर
नई व्यवस्था में अंग्रेजी शराब की दुकानों की तर्ज पर सभी दुकानों को कंपोजिट कर एक-एक की नीलामी की जायेगी. इसके तहत अंग्रेजी और देशी शराब सभी दुकानें कम्पोजिट की जायेंगी. देसी शराब, अंग्रेजी शराब और बीयर की बिक्री एक साथ होगी. प्रत्येक दुकान की गारंटी इन तीनों से मिलने वाली राशि को जोड़कर तय की जाएगी. नई आबकारी नीति में कुछ दुकानें कम की जा सकती है।
आबकारी राज्य सरकार के लिये सबसे ज्यादा कमाऊ विभाग
उल्लेखनीय है कि आबकारी राज्य सरकार के लिये सबसे ज्यादा कमाऊ विभाग है. इससे राज्य सरकार को भारी आय होती है. पूर्व में प्रदेश में शराबबंदी की उठी मांग को सरकार पहले ही खारिज करने के संकेत दे चुकी है. हालांकि शराबबंदी का अध्ययन करने के लिये सीएम अशोक गहलोत ने कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन कर रखा है. लेकिन यह सब कमेटी कह चुकी है राज्य में शराबबंदी जैसा कदम उठाने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है. क्योंकि गुजरात में बरसों से लागू शराबबंदी के बावजूद वहां शराब की धड़ल्ले से बिक्री होती है।


