
बीएड और एमएड फिर से एक साल का करने की तैयारी






बीएड और एमएड फिर से एक साल का करने की तैयारी
बीकानेर । राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई) नई दिल्ली ने शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रम में काफी आमूलचूल परिवर्तन किया है। यह बदलाव नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा विकसित भारत 2047 के उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। जिसके तहत एनसीटीई ने शिक्षा का नया ड्राफ्ट 2025 तैयार किया है। जिसकी मंजूरी केंद्र सरकार से प्राप्त हो गई है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के नए रेगुलेशन 2025 के तहत 2015 में बंद हुई एक वर्षीय बीएड एवं एमएड को पुन: प्रारंभ करने की कवायद चल रही है। जिसकी शुरुआत 2026-27 के सत्र से होगी। इसके साथ ही चार वर्षीय बीए-बीएड.,बीएससी- बीएड में अब बीकॉम-बीएड भी शामिल कर लिया गया है जिसे अब एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम नाम दिया गया है। इसके साथ ही उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के इस दौर में शिक्षक शिक्षा का बहुत ही सरलीकरण कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत सीनियर सेकंडरी के बाद चार वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद दो वर्षीय बीएड तथा स्नातकोत्तर के बाद एक वर्षीय बीएड करने का रास्ता खुल गया है। चार वर्षीय बीएड को एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम नाम दिया गया है। जिसमें कुल 9 स्ट्रीम को शामिल किया है। जिसे आईटीईपी फाउंडेशन, पूर्व प्राथमिक, प्राथमिक, माध्यमिक, योगा, कला, संस्कृत औऱ शारीरिक शिक्षा आदि शामिल है। शिक्षाविद प्रो. राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। लेकिन एनसीटीई ने अभी तक यह नहीं बताया है कि देश एवं राज्य के किन महाविद्यालयों को यह पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति दी जाएगी तथा इस प्रकार के पाठ्यक्रम को प्रारंभ करने की मान्यता का आधार क्या होगा।


