कक्षा 6 से 12 वीं तक का कोर्स परिवर्तन होने की तैयारी, विद्यार्थियों पर आयेगा बोझा

कक्षा 6 से 12 वीं तक का कोर्स परिवर्तन होने की तैयारी, विद्यार्थियों पर आयेगा बोझा

बीकानेर।/जयपुर। हर सरकार अपने हिसाब से बच्चों को किताबें पढ़ाती है और पाठ्यक्रम बदलती है। वसुंधरा सरकार जाने के बाद अब गहलोत सरकार ने कक्षा छह से 12वीं तक का पाठ्यक्रम बदलने की तैयारी कर ली है। इसके चलते राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल ने सभी जिलों से नई किताबों की डिमांड मंगवाई है। भीलवाड़ा जिले से साढ़े पांच लाख नई किताबों की डिमांड भिजवाई है। इससे पहले वर्ष 2014 में भी पाठ्यक्रम बदला गया था। अब एक बार फिर छठी से बारहवीं कक्षा तक एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू होगा। पहली से पांचवीं तक के पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इन कक्षाओं में कई नई किताबें भी जोड़ी जा रही है। इस पाठ्यक्रम को बदलने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन भी किया था। इससे पहले भाजपा सरकार ने उनके समर्थित विचारधारा के लोगों के पाठ जोड़े गए थे। अब फिर से गहलोत सरकार इसमें परिवर्तन कर रही है। ऐसे में लाखों रुपए की किताबें रद्दी हो जाएगी। अब यह किताबें आ रही है नईकक्षा 6 में हमारा राजस्थान भाग प्रथम, सातवीं में हमारा राजस्थान भाग दो और आठवीं में हमारा राजस्थान भाग तीन पढ़ाया जाएगा। नवीं में राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परंपरा, दसवीं में राजस्थान का इतिहास एवं संस्कृति, 11वीं में आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत भाग एक और 12वीं में आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत भाग दो लागू किया जाएगा। इन सभी नई पुस्तकों के हिसाब से डिमांड मांगी है।>गहलोत ने की थी संविधान का पाठ पढ़ाने की घोषणामुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो जून 2019 को भीलवाड़ा में एक कार्यक्रम में कहा था बच्चों को संविधान की समझ जरूरी है। ऐसे में किताबों के पहले पेज पर संविधान का पाठ होगा। इसमें मुख्यमंत्री की मंशा थी कि बच्चे रोज पढ़ेंगे तो संविधान की मूल भावना को समझ पाएंगे। ऐसे में यह बदलाव भी हो सकता है।एक सत्र में भी कर दिया किताबों में संशोधनवर्तमान कांग्रेस सरकार में 2019-20 में कुछ किताबों में बदलाव किया था। इसमें 10वीं के एक चैप्टर में वीर सावरकर को वीर बताने वाली लाइन में परिवर्तन किया था। वहीं आठवीं की अंग्रेजी के कवर पेज पर जौहर के फोटो को हटाकर किले का फोटो प्रकाशित किया गया है। अब फिर से पाठ्यक्रम बदला जा रहा है। इससे पहले वसुंधरा सरकार ने अकबर नहीं महाराणा प्रताप महान का पाठ जोड़ा था जो खूब चर्चा में रहा। वर्ष 2008 में भी कांग्रेस सरकार ने 9वीं की किताब से दीनदयाल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम हटाया था वहीं ग्यारहवीं की संस्कृत की किताब से संघे शक्ति कलयुगे को भी पूरी तरह से हटा दिया गया था। इसके बाद भाजपा सरकार ने फिर बदला।नए पाठ्यक्रम में यह शामिल नए पाठ्यक्रम में उच्च माध्यमिक के लिए उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का आधार बनाते हुए सिलेबस तय किया जा रहा है। सरकार कील मंशा है कि लोकतंत्र की समझ जरूरी है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 से कक्षा छह से आठ तक का पूरा पाठ्यक्रम बदला जा रहा है। कक्षा नौ हिंदी माध्यम, कक्षा दस, ग्यारहवीं तथा 12वीं के पाठ्यक्रम में भी बदलाव होगा। कक्षा दस में राजस्थान का इतिहास व संस्कृति नई किताब जुड़ेगी तथा कक्षा नौ में स्वतंत्रता आंदोलन व शौर्य परंपरा की किताब पढ़ेंगे। अभी वर्ष 2012 से 2014 की जो अप्रचलित किताबें रखी है इसकी सूचना मंडल को भिजवाई है वहीं नए सत्र के लिए साढ़े पांच लाख पुस्तकों की डिमांड तैयार की है।आशुतोष आचार्य, डिपो प्रबंधक, राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल

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