प्रशांत किशोर (पीके) बनाएंगे अपनी पार्टी, इस राज्य से चुनाव लड़ेंगे, जानें पीके की कहानी... - Khulasa Online प्रशांत किशोर (पीके) बनाएंगे अपनी पार्टी, इस राज्य से चुनाव लड़ेंगे, जानें पीके की कहानी... - Khulasa Online

प्रशांत किशोर (पीके) बनाएंगे अपनी पार्टी, इस राज्य से चुनाव लड़ेंगे, जानें पीके की कहानी…

पटना. पहले भाजपा, फि र कांग्रेस और फि र जेडीयू समेत अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के चुनावी रणनीतिकार रह चुके प्रशांत किशोर अब दूसरों के लिए रणनीति नहीं बनाएंगे। पीके अब अपनी पार्टी के लिए ही स्ट्रैटजी तैयार करेंगे। पीके ने इस तरफ इशारा कर दिया है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि जनता के बीच जाने का समय आ गया है। इसकी शुरुआत बिहार से होगी।

जल्द ही एक साथ पूरे देश में पार्टी लॉन्च करेंगे
पीके की नई पार्टी कब तक लांच होगी, अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन प्रशांत किशोर जल्द ही एक साथ पूरे देश में पार्टी लॉन्च करेंगे। खास बात यह है कि पीके अभी पटना में ही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वे अपने लिए यहीं नई रणनीति तैयार कर रहे हैं।

पीके ने जनता को असली मालिक बताया
प्रशांत किशोर ने ट्वीट में कहाए लोकतंत्र में प्रभावशाली योगदान देने की उनकी भूख और लोगों के प्रति कार्य नीति तैयार करने में मदद करने का सफर काफ ी उतार चढ़ाव वाला रहा है। आज जब वह पन्ने पलटते हैं तो लगता है कि समय आ गया है कि असली मालिकों के बीच जांए। यानी लोगों के बीच ताकि उनकी समस्याओं को बेहतर तरीके से समझ सकें और जन सुराज की पथ पर अग्रसर हो सकें।

तकनीक का इस्तेमाल करेगी पीके की पार्टी
कांग्रेस में बात नहीं बनने के बाद प्रशांत किशोर यानी पीके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर राजनीति में बड़ा धमाल करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर की पार्टी पूरी तरह आधुनिक होगी डिजिटल होगी और जनसंपर्क करने के नए उन्नत तकनीक के साथ लॉन्च होगी। पार्टी का नाम क्या होगा, इसको लेकर अब तक कोई फ ाइनल बात नही हुई है। लेकिन सूत्र बताते है कि पीके एक-दो साल में अपनी पॉलिटिकल पार्टी लांच करेंगे।

मोदी को सत्ता में लाकर चर्चा में आए थे पीके
प्रशांत किशोर का जन्म 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था। उनकी मां उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की हैं, वहीं पिता बिहार सरकार में डॉक्टर हैं। उनकी पत्नी का नाम जाह्नवी दास है, जो असम के गुवाहाटी में डॉक्टर हैं। प्रशांत किशोर और जाह्नवी का एक बेटा है। पीके के राजनीतिक करियर की बात करें, तो वे 2014 में मोदी सरकार को सत्ता में लाने की वजह से चर्चा में आए थे। उन्हें एक बेहतरीन चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है। हमेशा से वह पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते आए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़ मोदी की टीम से जुड़े थे
34 साल की उम्र में अफ्रीका से संयुक्त राष्ट्र की नौकरी छोड़कर किशोर 2011 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम से जुड़े थे। इसके बाद ही राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हुआ था। पीके को मोदी की उन्नत मार्केटिंग और चाय पे चर्चा, 3डी रैली, रन फ ॉर यूनिटी, मंथन जैसे विज्ञापन अभियान का श्रेय दिया जाता है। वह इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी आई-पैक नाम का संगठन चलाते हैं। यह लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26