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प्रदेश में बिजली संकट:डिमांड 31 प्रतिशत बढ़ी, कोयला 27 की जगह 20 रैक मिल रहा

जयपुर। देशभर में कोयला स्टॉक की दिक्कत व अचानक डिमांड बढऩे से खड़े हुए बिजली संकट के बीच राजस्थान में रोजाना 200 लाख यूनिट बिजली की कमी चल रही है। प्रदेश में बिजली की मांग 31त्न बढ़ गई है। गांवों-कस्बों में 3 से 5 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। पावर ट्रेडिंग में एक्सचेंज में भी अधिकतम 12 रु. प्रति यूनिट में भी बिजली नहीं मिल पा रही है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट की विद्युत उत्पादन क्षमता 10110 मेगावाट है, जिनसे 6600 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। 3510 मेगावाट उत्पादन ठप है।
कटौती सिर्फ गांवों में
विद्युत उत्पादन निगम की 5360 मेगावाट की 17 यूनिट से ही बिजली बन रही है। कालीसिंध प्लांट की 600 मेगावाट और सूरतगढ़ पावर प्लांट की 250 मेगावाट की यूनिट को मेंटेनेंस के कारण बंद कर रखा है।
कोटा थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट की यूनिट भी बंद है।
छबड़ा प्लांट की 250 मेगावाट की यूनिट टेक्निकल फॉल्ट व सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल प्लांट की 660 मेगावाट की यूनिट भी ट्रांसफार्मर फॉल्ट के कारण बंद है। इसे बीएचईएल के इंजीनियर सही कर रहे हैं।
उत्पादन निगम के सभी 7580 क्षमता के पावर प्लांट को चलाने के लिए रोजाना 27 रैक कोयला चाहिए। लेकिन 18 से 20 रैक मिल रहा है। सरकारी पावर प्लांट के पास के केवल 2 से 3 दिन का कोयला है।

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